परिचय


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रविवार, 16 अक्तूबर 2016

2 + 2 ÷ 2 = 2 या 3 ?

हमारे घर में जब भी कोई वृद्ध अतिथि आते थे और मुझे गणित पढ़ते देखते थे, तो अचानक ही सवाल कर देते थे: $2 + 2 \div 2$ (दो जोड़ दो भागा दो) क्या होगा ? हो सकता है आपलोगों में से भी बहुतों के साथ ऐसा हुआ होगा. इस प्रश्न से जोड़ - घटाव - गुणा - भाग में पारंगत छात्र भी उत्तर देने में कभी कभी असमंजस में पड़ जाते हैं. मेरे साथ भी ऐसा होता था.  इस प्रश्न का सही उत्तर क्या होगा ?


यदि आप यह प्रश्न बच्चों से पूछेंगे, तो उनका उत्तर या तो $2$ होगा या $3$ होगा. अलग - अलग उत्तर के पीछे बच्चों का कोई दोष नहीं है. वास्तव में यह प्रश्न की अस्पष्टता है, जिसके कारण बच्चे अलग - अलग उत्तर देते हैं. आइये उनके तर्कों पर ध्यान देते है. क्योंकि यहाँ दो अंकगणितीय संक्रियाएँ हैं - जोड़ ($+$) और भागा ($\div$), अतः उनकी मुख्य उलझन होती है - इन दोनों संक्रियाओं में कौन सी संक्रिया पहले संपादित की जाए. ध्यान दीजिये कि यदि किसी अंकगणितीय व्यंजक में दो से अधिक पद हों, तो दो - दो पद लेकर बारी - बारी से संक्रिया करते हैं. 

आइये उन बच्चों के तर्क सुनते हैं, जिनके उत्तर $2$ हैं. क्योंकि हम बायीं से दायीं ओर पढ़ते हैं, अतः इस क्रम में पहले जोड़ की संक्रिया आती है. इसलिए, पहले वे जोड़ की संक्रिया करते हैं. अतः उनका पहला चरण होता है-
\[2 + 2 \div 2 = 4 \div 2.\]
अब क्योंकि एक ही संक्रिया बचती है - भाग की संक्रिया, अतः उनका उत्तर होता है-
\[2 + 2 \div 2 = 4 \div 2 = 2.\]

आइये अब हम उन बच्चों का तर्क सुनते हैं, जिनके उत्तर $3$ हैं. इन बच्चों का तर्क होता है कि यदि किसी अंकगणितीय व्यंजक में एक से अधिक संक्रियाएँ हों, तो नियमतः पहले भाग की क्रिया, फिर गुणा की, फिर जोड़ (योग) की और अंत में घटाव (अंतर या व्यवकलन) की क्रिया करते हैं. इस नियम के अनुसार, पहले वे भाग की क्रिया करते हैं और फिर योग की क्रिया, और इस प्रकार निम्नलिखित निष्कर्ष पर पहुँचते हैं-
\[2 + 2 \div 2 = 2 + 1 = 3.\]

अब प्रश्न यह उठता है कि दोनों उत्तर में सही उत्तर कौन है और किस आधार पर सही है ? यदि प्रश्न की दृष्टि से देखा जाएँ, तो या तो प्रश्न को निरर्थक माना जा सकता है या दोनों ही उत्तरों को सही माना जाएगा. परन्तु प्रश्न पूछने वाले का अलग ही पक्ष है. उनके अनुसार, संक्रियाओं के क्रम का नियम बच्चों को ज्ञात होना चाहिए और इस आधार पर इस प्रश्न का उत्तर $3$ है. वास्तव में उनका उद्देश्य यह जानना नहीं होता है कि बच्चे जोड़, घटाव, गुणा, भाग इत्यादि जानते हैं कि नहीं, अपितु उनका उद्देश्य यह जानना होता है कि बच्चों को संक्रियाओं के क्रम का ज्ञान है कि नहीं.

परंतु इस नियम की कुछ गंभीर कमियाँ हैं. यदि हम कुछ व्यावहारिक समस्याओं को गणितीय संकेत में लिखकर उसे हल करने का प्रयास करें, तो हमें गलत उत्तर प्राप्त होगा. आइये एक व्यावहारिक प्रश्न पर विचार करते हैं:
 मोहन अपने दो बच्चों सीता और गीता को एक - एक गुल्लक देते हैं, जिसमें क्रमशः $4$ रूपये और $6$ रूपये हैं. वे सीता से कहते हैं कि दोनों गुल्लक के पैसे को मिलाकर उसका आधा गीता को दे दें. बताइए गीता को कितने रूपये मिलेंगे ?
सीता गणित का प्रयोग करके गीता को मिलने वाले रूपये का निर्धारण निम्न रूप से करना चाहती है -
\[  4 + 6 \div 2 = 4 + 3 = 7.\]
परन्तु अब सीता के पास केवल $3$ रूपये बचे हैं, जो गीता को मिलने वाले रूपये से कम है. परन्तु उसके पिताजी ने उसे रूपये आधा - आधा बाँटने को कहा था. वह आश्चर्यचकित है कि गलती कहाँ हुई.

यदि आप प्रश्न ध्यान से देखें तो उसके पिता के कहने का अर्थ था कि पहले सभी पैसे को मिला दिया जाए (जिसका अर्थ है - पहले हमें $4$ और $6$ को जोड़ना है) और फिर उसका आधा किया जाए (जिसका अर्थ है जोड़ने के बाद प्राप्त परिणाम में $2$ से भाग दिया जाए). इन बातों को ध्यान में रखने पर हम निम्न प्रकार परिकलन कर सकते हैं-
 \[ 4 + 6 \div 2 = 10 \div 2 = 5.\]
अतः इस बार दोनों को बराबर - बराबर रूपये मिलेंगे.

इस प्रकार आपने देखा कि किसी समस्या को अंकगणित के नियमों से सुलझाने के लिए केवल संक्रिया के क्रमों के नियम का ज्ञान पर्याप्त नहीं है. हमें संक्रियाएँ किस क्रम में करनी हैं, इन्हें व्यक्त करने का भी कुछ उपाय होना चाहिए. गणित में इस कठिनाई से बचने के लिए, कोष्ठक $``(...)"$ का प्रयोग किया जाता है. कोष्ठक के अंदर के व्यंजक को पहले हल करने का नियम बनाया गया. उदाहरण के लिए, उपरोक्त समस्या को हम कोष्ठक की सहायता से निम्न प्रकार लिख सकते हैं-
\[(4 + 6) \div 2.\]
अब यह स्पष्ट है कि पहले हमें $4 + 6$ ज्ञात करना है और फिर भाग की क्रिया करने है. इस प्रकार
\[(4 + 6 )\div 2 = 10 \div 2 = 5.\]

अब हम कोष्ठक के माध्यम से उत्तर $2$ वाले बच्चों का तर्क निम्न प्रकार व्यक्त कर सकते हैं-
\[2 + 2 \div 2 = (2 + 2) \div 2 = 4 \div 2 = 2,\]
और उत्तर $3$ वाले बच्चों का तर्क निम्न प्रकार व्यक्त कर सकते हैं-
\[2 + 2 \div 2 = 2 + (2\div 2)= 2 + 1 = 3.\]

कुछ जटिल समस्याओं में हमें एक से अधिक प्रकार के कोष्ठकों का प्रयोग करना पड़ता है. हम मुख्यतः तीन प्रकार के कोष्ठकों का प्रयोग करते हैं- $(...),~ \{...\}$ और $[...]$. हम संक्रियाएँ भी इसी क्रम में करते हैं, अर्थात पहले  लघु कोष्ठ $(...)$ के अंदर की क्रिया करते हैं, फिर मध्यम कोष्ठ $\{...\}$के अंदर की क्रिया और अंत में वृहत कोष्ठ $[...]$ के अंदर की क्रिया करते हैं. उदाहरण के लिए,
\[3 - [4 \div \{7 - (2 + 3)\}] = 3 - [4 \div \{7 - 5\}] = 3 - [4 \div 2] = 3 - 2 = 1.\]

आपको यह लेख कैसा लगा ? आप अपनी प्रतिक्रिया नीचे टिपण्णी बॉक्स में व्यक्त कर सकते हैं और इस प्रकार का कोई अनुभव साझा कर सकते हैं.

22 टिप्‍पणियां :

  1. बेहतरीन आलेख

    इस उदाहरण को मैंने एक लेख में शामिल करने का सोचा था।

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    उत्तर
    1. आप अवश्य शामिल कर सकते है. परन्तु इसका संदर्भ लेख के अंत में आप इस प्रकार दे सकते हैं:

      राज कुमार मिस्त्री, 2 + 2 ÷ 2 = 2 या 3?, गणिताञ्जलि!, https://ganitanjali.blogspot.in/2016/10/2plus2div2.html

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  2. बेहतरीन आलेख

    इस उदाहरण को मैंने एक लेख में शामिल करने का सोचा था।

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  3. बहुत आसान शब्दो मेरी असमंजस दूर कर दिया आपने अब लग रहा है की गणित उतना भी मुस्किल नही जितना हम सोच कर घबराते है।

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  4. मेरे सवाल का जवाब भी बताए

    A+A=2
    A+B=3
    A+B+C=6
    A+B+C×4=?

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  5. “का करके पुनि भाग कर, फिर गुण लेहुँ सुजान, ता पीछे धन ऋण करहुं, भिन्न रीति यह जान.”।

    लेकिन आपने अपने शब्दों में ब्यक्त किया इसके लिए बहुत बहुत आभार सर जी🙏🙏🙏🙏🙏

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