प्रस्तुत लेख में हम त्रिघातीय समीकरण पर विस्तार से चर्चा करेंगे.
1. परिचय
\begin{equation}\label{cubic}
ax^3 + bx^2 + cx + d = 0,
\end{equation}
जहाँ $a, b, c, d, e$ सम्मिश्र संख्याएँ (complex numbers) हैं और $a \neq 0$, के रूप के समीकरण को सम्मिश्र त्रिघातीय समीकरण (complex cubic equation) कहते हैं. यदि गुणांक $a, b, c, d, e$ वास्तविक संख्याएँ (real numbers) हों, तो इसे हम वास्तविक त्रिघातीय समीकरण (real cubic equation) कहते हैं. कुछ त्रिघातीय समीकरण के उदाहरण नीचे दिए गए हैं.
\begin{align}\label{cubic1}
x^3 &=0\\ \label{cubic2}
2x^3 + 3x^2 -1 &= 0\\
-x^3 + 7x + 2 &= 0\\
x^3 + x^2 + 3x + 11 &= 0.
\end{align}
एक सम्मिश्र संख्या $x = \alpha$ त्रिघातीय समीकरण $(\ref{cubic})$ का हल (solution) या मूल (root) होता है यदि
\[a \alpha^3 + b \alpha^2 + c \alpha + d = 0. \]
उदाहरण के लिए, समीकरण $(\ref{cubic1})$ और $(\ref{cubic2})$ के एक - एक हल क्रमशः $0$ और $-1$ हैं. हम जानते हैं कि द्विघातीय समीकरण के मूल सदैव वास्तविक नहीं होते. परन्तु त्रिघातीय समीकरणों के साथ ऐसी बात नहीं है. किसी भी त्रिघातीय समीकरण का सदैव एक वास्तविक मूल (real root) होता है. क्या आप इसका कारण बता सकते हैं ? ध्यान दीजिये कि किसी भी त्रिघातीय समीकरण के तीन मूल होते हैं. यदि कोई मूल अवास्तविक (अर्थात वैसी सम्मिश्र संख्या जो वास्तविक संख्या नहीं है) हों, इस मूल का संयुग्मी (conjugate) भी एक मूल होगा. इसे हम आगे स्पष्ट करेंगे. अतः सम्मिश्र मूल सम संख्या में होंगे. क्योंकि त्रिघातीय समीकरण के मूलों की संख्या विषम है, अतः एक मूल अवश्य ही वास्तविक संख्या होगी. आइये अब हम दिखाएँगे कि यदि त्रिघातीय समीकरण $(\ref{cubic})$ का एक अवास्तविक मूल (nonreal root) $\alpha$ हों, तो $\bar\alpha$ भी इस समीकरण का एक मूल होगा. क्योंकि $\alpha$ समीकरण $(\ref{cubic})$ का एक मूल है, इसलिए
\[a \alpha^3 + b \alpha^2 + c \alpha + d = 0.\]
दोनों ओर संयुग्मी लेने पर हमें प्राप्त होता है:
\[\overline{a \alpha^3 + b \alpha^2 + c \alpha + d} = \bar{0}.\]
संयुग्मी संक्रिया के गुणधर्मों का प्रयोग करने पर हमें प्राप्त होता है:
\[a \bar\alpha^3 + b \bar\alpha^2 + c \bar\alpha + d = 0.\]
इस प्रकार $\bar\alpha$ भी समीकरण $(\ref{cubic})$ को संतुष्ट करता है. अतः $\bar\alpha$ भी त्रिघातीय समीकरण $(\ref{cubic})$ का मूल है.
द्विघातीय समीकरण (quadratic equation) की तरह त्रिघातीय समीकरण का भी मूल ज्ञात करने के लिए स्पष्ट सूत्र हैं, परन्तु यह सूत्र जटिल है और हमें त्रिघातीय समीकरण का मूल ज्ञात करने के लिए सम्मिश्र संख्याओं के वर्गमूल (square root), घनमूल (cube root) इत्यादि निकालने की आवश्यकता पड़ती है. इस सूत्र को व्युत्पन्न करने से पहले हम त्रिघातीय समीकरण और इसके मूलों के सूत्र खोजने से संबंधित इतिहास पर संक्षिप्त चर्चा करेंगे.
त्रिघातीय समीकरण के बारे में प्राचीन बेबीलोनियों, ग्रीस-वासियों, मिस्र-वासियों, चीनियों और भारतीयों को कुछ - कुछ जानकारी थी. परन्तु त्रिघातीय समीकरण का व्यापक हल उन्हें ज्ञात नहीं था. त्रिघातीय समीकरण के व्यापक हल का श्रेय जेरोलामो कार्दानो ( Gerolamo Cardano) को जाता है. परन्तु कार्दानो इस हल के वास्तविक खोजकर्ता नहीं थे. इससे संबंधित एक रोचक कहानी है. 16वीं शताब्दी के प्रारंभ में इटली के गणितज्ञ सिपियन देल फेरो (Scipione del Ferro) (1465-1526) ने $x^3 + mx = n$, जहाँ $m$ और $n$ धनात्मक पूर्णांक (positive integers) हैं, के प्रकार के त्रिघातीय समीकरणों को हल करने की विधि की खोज की थी. उन्हें उस समय ऋणात्मक संख्याओं (negative numbers) के विषय में जानकारी नहीं थी. उल्लेखनीय है कि यदि हम उपरोक्त व्यंजक में $m$ और $n$ को शून्य और ऋणात्मक मान भी स्वीकार करें, तो व्यंजक $(\ref{cubic})$ के प्रकार के किसी भी त्रिघातीय समीकरण को इस रूप में व्यक्त किया जा सकता है. इसे हम आगे स्पष्ट करेंगे. देल फेरो अपने इस खोज को गुप्त रखा और अपनी मृत्यु से ठीक पूर्व अपने छात्र अंतोनियो फियोर (Antonio Fiore) को इसकी जानकारी दी.
1530 में निकोलो तार्ताग्लिया (Niccolò Tartaglia) (1500–1557) ने जुआन द कोइ (Zuanne da Coi) से त्रिघातीय समीकरण के दो प्रश्न प्राप्त किये और उन्होंने घोषणा की कि वे उन्हें हल कर सकते हैं. फियोर ने उसे तुरंत चुनौती दी, जिसे उन्होनें स्वीकार कर लिया. फलस्वरूप एक प्रतिस्पर्धा का आयोजन किया गया. प्रत्येक प्रतिभागी को कुछ रूपये जमा करने थे हल करने के लिए प्रश्नों की संख्या बतानी थी. तीस दिन के अंदर जो सबसे ज्यादा प्रश्न हल करते, उन्हें पूरा रूपया मिलता. तार्ताग्लिया को $x^3 + mx = n$ के प्रकार के समीकरण मिले, जिनके व्यापक हल की जानकारी उन्हें पहले से ही थी. फियोर को $x^3 + mx^2 = n$ के प्रकार के समीकरण मिले, जो उनके लिए बहुत ही कठिन सिद्ध हुए. अतः तार्ताग्लिया इस चुनौती में जीत गए.
बाद में, जेरोलामो कार्दानो ने तार्ताग्लिया को त्रिघातीय समीकरण के हल का रहस्य उद्घाटित करने के लिए मनाया. किसी अन्य से इस रहस्य को प्रकट न करने की शर्त पर वह हल करने की विधि बताने के लिए मान गए. कुछ वर्षों के बाद कार्दानो को देल फेरो के कार्य के बारे में पता चला और उन्होंने उपरोक्त शर्त को निभाने की आवश्यकता नहीं समझी. फलतः उन्होंने 1545 में अपनी पुस्तक आर्स मैग्ना (Ars Magna ) में देल फेरो की विधि प्रकाशित कर दी और तार्ताग्लिया को स्वतंत्र हल के लिए श्रेय प्रदान किया. इसकी जानकारी मिलने पर तार्ताग्लिया ने कार्दानो को पुनः चुनौती दी, जिसे कार्दानो ने अस्वीकार कर दिया. अंतत इस चुनौती को कार्दानों के शिष्य लोडोविको फेरारी (Lodovico Ferrari) (1522-1565) ने स्वीकार किया, जिसमें फेरारी का प्रदर्शन ज्यादा अच्छा रहा. तार्ताग्लिया को प्रतिष्ठा और ईनाम दोनों से हाथ गंवाना पड़ा.
कार्दानो ने देखा कि तार्ताग्लिया की विधि में ऋणात्मक संख्याओं के वर्गमूल से उलझना पड़ता है. उन्होंने इन सम्मिश्र संख्याओं के परिकलन को भी आर्स मैग्ना में सम्मिलित किया, परन्तु इन्हें वे अच्छी तरह नहीं समझ सके. राफेल बाम्बेली (Rafael Bombelli) ने इस समस्या का गहन अध्ययन किया और इसीलिये प्रायः उनकी चर्चा सम्मिश्र संख्या के खोजकर्ता के रूप में की जाती है.
फ्रांकोइस भीट (François Viète) (1540 -1603) ने वास्तविक हल प्राप्त करने के लिए त्रिकोणमितीय विधि की खोज की. इस कार्य को बाद में रेने देकार्ते (René Descartes) (1596–1650) ने आगे बढ़ाया.
सर्वप्रथम निम्नलिखित सूत्र से $A$ और $B$ ज्ञात कीजिए:
\begin{align}\label{cubic1}
x^3 &=0\\ \label{cubic2}
2x^3 + 3x^2 -1 &= 0\\
-x^3 + 7x + 2 &= 0\\
x^3 + x^2 + 3x + 11 &= 0.
\end{align}
एक सम्मिश्र संख्या $x = \alpha$ त्रिघातीय समीकरण $(\ref{cubic})$ का हल (solution) या मूल (root) होता है यदि
\[a \alpha^3 + b \alpha^2 + c \alpha + d = 0. \]
उदाहरण के लिए, समीकरण $(\ref{cubic1})$ और $(\ref{cubic2})$ के एक - एक हल क्रमशः $0$ और $-1$ हैं. हम जानते हैं कि द्विघातीय समीकरण के मूल सदैव वास्तविक नहीं होते. परन्तु त्रिघातीय समीकरणों के साथ ऐसी बात नहीं है. किसी भी त्रिघातीय समीकरण का सदैव एक वास्तविक मूल (real root) होता है. क्या आप इसका कारण बता सकते हैं ? ध्यान दीजिये कि किसी भी त्रिघातीय समीकरण के तीन मूल होते हैं. यदि कोई मूल अवास्तविक (अर्थात वैसी सम्मिश्र संख्या जो वास्तविक संख्या नहीं है) हों, इस मूल का संयुग्मी (conjugate) भी एक मूल होगा. इसे हम आगे स्पष्ट करेंगे. अतः सम्मिश्र मूल सम संख्या में होंगे. क्योंकि त्रिघातीय समीकरण के मूलों की संख्या विषम है, अतः एक मूल अवश्य ही वास्तविक संख्या होगी. आइये अब हम दिखाएँगे कि यदि त्रिघातीय समीकरण $(\ref{cubic})$ का एक अवास्तविक मूल (nonreal root) $\alpha$ हों, तो $\bar\alpha$ भी इस समीकरण का एक मूल होगा. क्योंकि $\alpha$ समीकरण $(\ref{cubic})$ का एक मूल है, इसलिए
\[a \alpha^3 + b \alpha^2 + c \alpha + d = 0.\]
दोनों ओर संयुग्मी लेने पर हमें प्राप्त होता है:
\[\overline{a \alpha^3 + b \alpha^2 + c \alpha + d} = \bar{0}.\]
संयुग्मी संक्रिया के गुणधर्मों का प्रयोग करने पर हमें प्राप्त होता है:
\[a \bar\alpha^3 + b \bar\alpha^2 + c \bar\alpha + d = 0.\]
इस प्रकार $\bar\alpha$ भी समीकरण $(\ref{cubic})$ को संतुष्ट करता है. अतः $\bar\alpha$ भी त्रिघातीय समीकरण $(\ref{cubic})$ का मूल है.
द्विघातीय समीकरण (quadratic equation) की तरह त्रिघातीय समीकरण का भी मूल ज्ञात करने के लिए स्पष्ट सूत्र हैं, परन्तु यह सूत्र जटिल है और हमें त्रिघातीय समीकरण का मूल ज्ञात करने के लिए सम्मिश्र संख्याओं के वर्गमूल (square root), घनमूल (cube root) इत्यादि निकालने की आवश्यकता पड़ती है. इस सूत्र को व्युत्पन्न करने से पहले हम त्रिघातीय समीकरण और इसके मूलों के सूत्र खोजने से संबंधित इतिहास पर संक्षिप्त चर्चा करेंगे.
2. त्रिघातीय समीकरण का इतिहास
त्रिघातीय समीकरण के बारे में प्राचीन बेबीलोनियों, ग्रीस-वासियों, मिस्र-वासियों, चीनियों और भारतीयों को कुछ - कुछ जानकारी थी. परन्तु त्रिघातीय समीकरण का व्यापक हल उन्हें ज्ञात नहीं था. त्रिघातीय समीकरण के व्यापक हल का श्रेय जेरोलामो कार्दानो ( Gerolamo Cardano) को जाता है. परन्तु कार्दानो इस हल के वास्तविक खोजकर्ता नहीं थे. इससे संबंधित एक रोचक कहानी है. 16वीं शताब्दी के प्रारंभ में इटली के गणितज्ञ सिपियन देल फेरो (Scipione del Ferro) (1465-1526) ने $x^3 + mx = n$, जहाँ $m$ और $n$ धनात्मक पूर्णांक (positive integers) हैं, के प्रकार के त्रिघातीय समीकरणों को हल करने की विधि की खोज की थी. उन्हें उस समय ऋणात्मक संख्याओं (negative numbers) के विषय में जानकारी नहीं थी. उल्लेखनीय है कि यदि हम उपरोक्त व्यंजक में $m$ और $n$ को शून्य और ऋणात्मक मान भी स्वीकार करें, तो व्यंजक $(\ref{cubic})$ के प्रकार के किसी भी त्रिघातीय समीकरण को इस रूप में व्यक्त किया जा सकता है. इसे हम आगे स्पष्ट करेंगे. देल फेरो अपने इस खोज को गुप्त रखा और अपनी मृत्यु से ठीक पूर्व अपने छात्र अंतोनियो फियोर (Antonio Fiore) को इसकी जानकारी दी.
1530 में निकोलो तार्ताग्लिया (Niccolò Tartaglia) (1500–1557) ने जुआन द कोइ (Zuanne da Coi) से त्रिघातीय समीकरण के दो प्रश्न प्राप्त किये और उन्होंने घोषणा की कि वे उन्हें हल कर सकते हैं. फियोर ने उसे तुरंत चुनौती दी, जिसे उन्होनें स्वीकार कर लिया. फलस्वरूप एक प्रतिस्पर्धा का आयोजन किया गया. प्रत्येक प्रतिभागी को कुछ रूपये जमा करने थे हल करने के लिए प्रश्नों की संख्या बतानी थी. तीस दिन के अंदर जो सबसे ज्यादा प्रश्न हल करते, उन्हें पूरा रूपया मिलता. तार्ताग्लिया को $x^3 + mx = n$ के प्रकार के समीकरण मिले, जिनके व्यापक हल की जानकारी उन्हें पहले से ही थी. फियोर को $x^3 + mx^2 = n$ के प्रकार के समीकरण मिले, जो उनके लिए बहुत ही कठिन सिद्ध हुए. अतः तार्ताग्लिया इस चुनौती में जीत गए.
बाद में, जेरोलामो कार्दानो ने तार्ताग्लिया को त्रिघातीय समीकरण के हल का रहस्य उद्घाटित करने के लिए मनाया. किसी अन्य से इस रहस्य को प्रकट न करने की शर्त पर वह हल करने की विधि बताने के लिए मान गए. कुछ वर्षों के बाद कार्दानो को देल फेरो के कार्य के बारे में पता चला और उन्होंने उपरोक्त शर्त को निभाने की आवश्यकता नहीं समझी. फलतः उन्होंने 1545 में अपनी पुस्तक आर्स मैग्ना (Ars Magna ) में देल फेरो की विधि प्रकाशित कर दी और तार्ताग्लिया को स्वतंत्र हल के लिए श्रेय प्रदान किया. इसकी जानकारी मिलने पर तार्ताग्लिया ने कार्दानो को पुनः चुनौती दी, जिसे कार्दानो ने अस्वीकार कर दिया. अंतत इस चुनौती को कार्दानों के शिष्य लोडोविको फेरारी (Lodovico Ferrari) (1522-1565) ने स्वीकार किया, जिसमें फेरारी का प्रदर्शन ज्यादा अच्छा रहा. तार्ताग्लिया को प्रतिष्ठा और ईनाम दोनों से हाथ गंवाना पड़ा.
कार्दानो ने देखा कि तार्ताग्लिया की विधि में ऋणात्मक संख्याओं के वर्गमूल से उलझना पड़ता है. उन्होंने इन सम्मिश्र संख्याओं के परिकलन को भी आर्स मैग्ना में सम्मिलित किया, परन्तु इन्हें वे अच्छी तरह नहीं समझ सके. राफेल बाम्बेली (Rafael Bombelli) ने इस समस्या का गहन अध्ययन किया और इसीलिये प्रायः उनकी चर्चा सम्मिश्र संख्या के खोजकर्ता के रूप में की जाती है.
फ्रांकोइस भीट (François Viète) (1540 -1603) ने वास्तविक हल प्राप्त करने के लिए त्रिकोणमितीय विधि की खोज की. इस कार्य को बाद में रेने देकार्ते (René Descartes) (1596–1650) ने आगे बढ़ाया.
3. त्रिघातीय समीकरण का हल
त्रिघातीय समीकरण $(\ref{cubic})$ के मूल निम्नलिखित सूत्र की सहायता से ज्ञात किए जा सकते हैं:सर्वप्रथम निम्नलिखित सूत्र से $A$ और $B$ ज्ञात कीजिए:
\begin{equation}\label{value-A}
\boxed{
A=\frac{c}{a}-\frac{b^2}{3a^2}
}
\end{equation}
\begin{equation}\label{value-B}
\boxed{
B=\frac{d}{a}+\frac{2b^3}{27a^3}-\frac{bc}{3a^2}.
}
\end{equation}
अब $\alpha$ और $\beta$ निम्न प्रकार परिभाषित कीजिए:
\begin{equation}\label{value-alpha-beta}
\boxed{
\alpha = \left(-\frac{B}{2} + \sqrt{\frac{B^2}{4} + \frac{A^3}{27}}\right)^{1/3} ~\text{और}~ \beta = \left(-\frac{B}{2} - \sqrt{\frac{B^2}{4} + \frac{A^3}{27}}\right)^{1/3}.
}
\end{equation}
ध्यान दीजिए कि $\alpha$ और $\beta$ के तीन - तीन सम्मिश्र घनमूल होंगे. अब $\alpha$ का कोई एक मान $\alpha_1$ चुनिए और इसके संगत $\beta$ का एक ऐसा मान $\beta_1$ चुनिए, जो प्रतिबंध
\begin{equation}\label{condition}
\boxed{
\alpha_1\beta_1 = \frac{-A}{3}.
}
\end{equation}
को संतुष्ट करता हो.
अब हम त्रिघातीय समीकरण $(\ref{cubic})$ का मूल निम्नलिखित सूत्र के सहायता से ज्ञात कर सकते हैं:
\begin{equation}\label{solution}
\boxed{
\begin{align*}
x_1 &= \alpha_1 + \beta_1,\\
x_2 &= \alpha_1\epsilon + \beta_1\epsilon^2,\\
x_3 &= \alpha_1\epsilon^2 + \beta_1\epsilon.
\end{align*}
}
\end{equation}
यहाँ $\epsilon = \frac{-1 + i\sqrt{3}}{2}$ वास्तविक संख्या $1$ का सम्मिश्र घनमूल (complex cube root) है.
\boxed{
A=\frac{c}{a}-\frac{b^2}{3a^2}
}
\end{equation}
\begin{equation}\label{value-B}
\boxed{
B=\frac{d}{a}+\frac{2b^3}{27a^3}-\frac{bc}{3a^2}.
}
\end{equation}
अब $\alpha$ और $\beta$ निम्न प्रकार परिभाषित कीजिए:
\begin{equation}\label{value-alpha-beta}
\boxed{
\alpha = \left(-\frac{B}{2} + \sqrt{\frac{B^2}{4} + \frac{A^3}{27}}\right)^{1/3} ~\text{और}~ \beta = \left(-\frac{B}{2} - \sqrt{\frac{B^2}{4} + \frac{A^3}{27}}\right)^{1/3}.
}
\end{equation}
ध्यान दीजिए कि $\alpha$ और $\beta$ के तीन - तीन सम्मिश्र घनमूल होंगे. अब $\alpha$ का कोई एक मान $\alpha_1$ चुनिए और इसके संगत $\beta$ का एक ऐसा मान $\beta_1$ चुनिए, जो प्रतिबंध
\begin{equation}\label{condition}
\boxed{
\alpha_1\beta_1 = \frac{-A}{3}.
}
\end{equation}
को संतुष्ट करता हो.
अब हम त्रिघातीय समीकरण $(\ref{cubic})$ का मूल निम्नलिखित सूत्र के सहायता से ज्ञात कर सकते हैं:
\begin{equation}\label{solution}
\boxed{
\begin{align*}
x_1 &= \alpha_1 + \beta_1,\\
x_2 &= \alpha_1\epsilon + \beta_1\epsilon^2,\\
x_3 &= \alpha_1\epsilon^2 + \beta_1\epsilon.
\end{align*}
}
\end{equation}
यहाँ $\epsilon = \frac{-1 + i\sqrt{3}}{2}$ वास्तविक संख्या $1$ का सम्मिश्र घनमूल (complex cube root) है.
उदाहरण: त्रिघातीय समीकरण $x^3 + 3x^2 - 3x - 14 = 0$ को हल करें.
हल: यहाँ $a = 1, b=3, c = -3, d = -14$. इसीलिए सूत्र $(\ref{value-A})$, $(\ref{value-B})$ और $(\ref{value-alpha-beta})$ से हमें प्राप्त होता है:
\[A = -6, B = -9,\]
और
\[\alpha= 8^{1/3}= 2, 2\epsilon, 2\epsilon^2; \beta = 1^{1/3} = 1, \epsilon, \epsilon^2.\]
इसलिए प्रतिबन्ध $\ref{condition}$ के अनुसार हमें $\alpha_1 = 2$ और $\beta_1 = 1$ चुनना होगा. इसलिए
\begin{align*}
x_1 &= \alpha_1 + \beta_1 = 2 + 1 = 3,\\
x_2 &= \alpha_1\epsilon + \beta_1\epsilon^2 = 2 (\frac{-1 + i\sqrt{3}}{2}) + 1 (\frac{-1 + i\sqrt{3}}{2})^2 = (\frac{-3 + i\sqrt{3}}{2}) ,\\
x_3 &= \alpha_1\epsilon^2 + \beta_1\epsilon = 2 (\frac{-1 + i\sqrt{3}}{2})^2 + 1 (\frac{-1 + i\sqrt{3}}{2}) = (\frac{-3 - i\sqrt{3}}{2}).
\end{align*}
\begin{align*}
x_1 &= \alpha_1 + \beta_1 = 2 + 1 = 3,\\
x_2 &= \alpha_1\epsilon + \beta_1\epsilon^2 = 2 (\frac{-1 + i\sqrt{3}}{2}) + 1 (\frac{-1 + i\sqrt{3}}{2})^2 = (\frac{-3 + i\sqrt{3}}{2}) ,\\
x_3 &= \alpha_1\epsilon^2 + \beta_1\epsilon = 2 (\frac{-1 + i\sqrt{3}}{2})^2 + 1 (\frac{-1 + i\sqrt{3}}{2}) = (\frac{-3 - i\sqrt{3}}{2}).
\end{align*}
4. कार्दानो के सूत्र की व्युत्पत्ति
अब हम कार्दानो के सूत्र को व्युत्पन्न करेंगे.
कार्दानो के सूत्र की व्युत्पत्ति (देखने के लिए यहाँ क्लिक करें)
यहाँ हम त्रिघातीय समीकरण $(\ref{cubic})$ के मूलों को ज्ञात करने के लिए कार्दानो के सूत्र को व्युत्पन्न करेंगे.
समीकरण $(\ref{cubic})$ में $x = y - \frac{b}{3a}$ प्रतिस्थापित करने पर हमें प्राप्त होता है:
\begin{equation}\label{trans-cubic1}
y^3 + Ay + B = 0,
\end{equation}
जहाँ
\begin{equation}\label{a-value}
A=\frac{c}{a}-\frac{b^2}{3a^2}
\end{equation}
और
\begin{equation}\label{b-value}
B=\frac{d}{a}+\frac{2b^3}{27a^3}-\frac{bc}{3a^2}.
\end{equation}
पुनः समीकरण $(\ref{trans-cubic1})$ में $y = \alpha + \beta$ प्रतिस्थापित करने पर हमें प्राप्त होता है:
\begin{equation}\label{trans-cubic2}
(\alpha + \beta)^3 + A(\alpha + \beta) + B = 0.
\end{equation}
अर्थात
\begin{equation}\label{trans-cubic3}
\alpha^3 + \beta^3 + (3\alpha\beta + A)(\alpha + \beta) + B = 0.
\end{equation}
अब हम $\alpha$ और $\beta$ पर एक प्रतिबंध लगाएँगे जिससे कि $3\alpha\beta + A = 0$, अर्थात
\begin{equation}\label{cond}
\alpha\beta = \frac{-A}{3}.
\end{equation}
इसलिए समीकरण $(\ref{trans-cubic3})$ से हमें प्राप्त होता है:
\begin{equation}
\alpha^3 + \beta^3 = -B,
\end{equation}
और प्रतिबंध $(\ref{cond})$ से हमें प्राप्त होता है:
\begin{equation}
\alpha^3\beta^3 = -\frac{A^3}{27}.
\end{equation}
अतः $\alpha^3$ और $\beta^3$ द्विघातीय समीकरण
\begin{equation}
z^2 + Bz - \frac{A^3}{27}
\end{equation}
के मूल हैं.
इस समीकरण को हल करने पर हमें प्राप्त होता है:
\[z = -\frac{B}{2} \pm \sqrt{\frac{B^2}{4} + \frac{A^3}{27}}.\]
इसलिए हम लिख सकते हैं कि
\[\alpha^3 = -\frac{B}{2} + \sqrt{\frac{B^2}{4} + \frac{A^3}{27}} ~\text{और}~ \beta^3 = -\frac{B}{2} - \sqrt{\frac{B^2}{4} + \frac{A^3}{27}}.\]
अतः
\begin{equation}\label{alpha-beta}
\alpha = \left(-\frac{B}{2} + \sqrt{\frac{B^2}{4} + \frac{A^3}{27}}\right)^{1/3} ~\text{और}~ \beta = \left(-\frac{B}{2} - \sqrt{\frac{B^2}{4} + \frac{A^3}{27}}\right)^{1/3}.
\end{equation}
क्योंकि किसी सम्मिश्र संख्या के तीन घनमूल होते हैं, अतः हमें उपरोक्त समीकरण से $\alpha$ और $\beta$ के तीन - तीन घनमूल प्राप्त होंगे. मान लीजिए कि $\alpha$ का एक मान $\alpha_1$ है. तब अन्य दो मान $\alpha_2 = \alpha_1\epsilon$ और $\alpha_3 = \alpha_1\epsilon^2$ होंगे. इसी प्रकार $\beta$ के तीन मान होंगे. हमें $\alpha_1$ के संगत $\beta$ का एक ऐसा मान $\beta_1$ चुनना होगा जो प्रतिबंध $(\ref{cond})$ को संतुष्ट करता हो, अर्थात $\alpha_1\beta_1 = - \frac{A}{3}$. एक बार हम $\beta_1$ का चयन कर लें, तो $\beta$ के अन्य दो मान $\beta_2 = \beta_1\epsilon$ और $\beta_3 = \beta_1\epsilon^2$ प्राप्त किये जा सकते हैं. ध्यान दीजिये कि $\alpha_2$ के संगत $\beta$ का मान $\beta_3$ होना चाहिए, क्योंकि
\[\alpha_2\beta_3 = \alpha_1\epsilon\beta_1\epsilon^2 = \alpha_1\beta_1\epsilon^3 = \alpha_1\beta_1 = - \frac{A}{3}.\]
इसी प्रकार $\alpha_3$ के संगत $\beta$ का मान $\beta_2$ होना चाहिए. हम $\alpha_1$ और $\beta_1$ के मान को निम्न व्यंजक से व्यक्त करेंगे:
\begin{equation}\label{alpha1}
\alpha_1 = \sqrt[3]{-\frac{B}{2} + \sqrt{\frac{B^2}{4} + \frac{A^3}{27}}}
\end{equation}
\begin{equation}\label{beta1}
\beta_1 = \sqrt[3]{-\frac{B}{2} - \sqrt{\frac{B^2}{4} + \frac{A^3}{27}}}
\end{equation}
इस प्रकार समीकरण $(\ref{trans-cubic1})$ के मूल निम्नलिखित होंगे:
\begin{align}
y_1 &= \alpha_1 + \beta_1 = \sqrt[3]{-\frac{B}{2} + \sqrt{\frac{B^2}{4} + \frac{A^3}{27}}} + \sqrt[3]{-\frac{B}{2} - \sqrt{\frac{B^2}{4} + \frac{A^3}{27}}}\\ \nonumber
y_2 &= \alpha_2 + \beta_2 = \alpha_1\epsilon + \beta_1\epsilon^2\\
&= \epsilon \sqrt[3]{-\frac{B}{2} + \sqrt{\frac{B^2}{4} + \frac{A^3}{27}}} + \epsilon^2 \sqrt[3]{-\frac{B}{2} - \sqrt{\frac{B^2}{4} + \frac{A^3}{27}}}\\ \nonumber
y_3 &= \alpha_3 + \beta_3 = \alpha_1\epsilon^2 + \beta_1\epsilon\\
&= \epsilon^2 \sqrt[3]{-\frac{B}{2} + \sqrt{\frac{B^2}{4} + \frac{A^3}{27}}} + \epsilon \sqrt[3]{-\frac{B}{2} - \sqrt{\frac{B^2}{4} + \frac{A^3}{27}}}.
\end{align}
अतः समीकरण $(\ref{cubic})$ के मूल निम्नलिखित होंगे:
\begin{align}
x_1 &= \sqrt[3]{-\frac{B}{2}+ \sqrt{\frac{B^2}{4} + \frac{A^3}{27}}}&+& \sqrt[3]{-\frac{B}{2} - \sqrt{\frac{B^2}{4} + \frac{A^3}{27}}} - \frac{b}{3a}\\
x_2&=\epsilon \sqrt[3]{-\frac{B}{2} + \sqrt{\frac{B^2}{4} + \frac{A^3}{27}}}&+&\epsilon^2 \sqrt[3]{-\frac{B}{2} - \sqrt{\frac{B^2}{4} + \frac{A^3}{27}}} - \frac{b}{3a}\\
x_3&=\epsilon^2\sqrt[3]{-\frac{B}{2}+\sqrt{\frac{B^2}{4}+ \frac{A^3}{27}}}&+&\epsilon \sqrt[3]{-\frac{B}{2} - \sqrt{\frac{B^2}{4} + \frac{A^3}{27}}} - \frac{b}{3a}.
\end{align}
समीकरण $(\ref{cubic})$ में $x = y - \frac{b}{3a}$ प्रतिस्थापित करने पर हमें प्राप्त होता है:
\begin{equation}\label{trans-cubic1}
y^3 + Ay + B = 0,
\end{equation}
जहाँ
\begin{equation}\label{a-value}
A=\frac{c}{a}-\frac{b^2}{3a^2}
\end{equation}
और
\begin{equation}\label{b-value}
B=\frac{d}{a}+\frac{2b^3}{27a^3}-\frac{bc}{3a^2}.
\end{equation}
पुनः समीकरण $(\ref{trans-cubic1})$ में $y = \alpha + \beta$ प्रतिस्थापित करने पर हमें प्राप्त होता है:
\begin{equation}\label{trans-cubic2}
(\alpha + \beta)^3 + A(\alpha + \beta) + B = 0.
\end{equation}
अर्थात
\begin{equation}\label{trans-cubic3}
\alpha^3 + \beta^3 + (3\alpha\beta + A)(\alpha + \beta) + B = 0.
\end{equation}
अब हम $\alpha$ और $\beta$ पर एक प्रतिबंध लगाएँगे जिससे कि $3\alpha\beta + A = 0$, अर्थात
\begin{equation}\label{cond}
\alpha\beta = \frac{-A}{3}.
\end{equation}
इसलिए समीकरण $(\ref{trans-cubic3})$ से हमें प्राप्त होता है:
\begin{equation}
\alpha^3 + \beta^3 = -B,
\end{equation}
और प्रतिबंध $(\ref{cond})$ से हमें प्राप्त होता है:
\begin{equation}
\alpha^3\beta^3 = -\frac{A^3}{27}.
\end{equation}
अतः $\alpha^3$ और $\beta^3$ द्विघातीय समीकरण
\begin{equation}
z^2 + Bz - \frac{A^3}{27}
\end{equation}
के मूल हैं.
इस समीकरण को हल करने पर हमें प्राप्त होता है:
\[z = -\frac{B}{2} \pm \sqrt{\frac{B^2}{4} + \frac{A^3}{27}}.\]
इसलिए हम लिख सकते हैं कि
\[\alpha^3 = -\frac{B}{2} + \sqrt{\frac{B^2}{4} + \frac{A^3}{27}} ~\text{और}~ \beta^3 = -\frac{B}{2} - \sqrt{\frac{B^2}{4} + \frac{A^3}{27}}.\]
अतः
\begin{equation}\label{alpha-beta}
\alpha = \left(-\frac{B}{2} + \sqrt{\frac{B^2}{4} + \frac{A^3}{27}}\right)^{1/3} ~\text{और}~ \beta = \left(-\frac{B}{2} - \sqrt{\frac{B^2}{4} + \frac{A^3}{27}}\right)^{1/3}.
\end{equation}
क्योंकि किसी सम्मिश्र संख्या के तीन घनमूल होते हैं, अतः हमें उपरोक्त समीकरण से $\alpha$ और $\beta$ के तीन - तीन घनमूल प्राप्त होंगे. मान लीजिए कि $\alpha$ का एक मान $\alpha_1$ है. तब अन्य दो मान $\alpha_2 = \alpha_1\epsilon$ और $\alpha_3 = \alpha_1\epsilon^2$ होंगे. इसी प्रकार $\beta$ के तीन मान होंगे. हमें $\alpha_1$ के संगत $\beta$ का एक ऐसा मान $\beta_1$ चुनना होगा जो प्रतिबंध $(\ref{cond})$ को संतुष्ट करता हो, अर्थात $\alpha_1\beta_1 = - \frac{A}{3}$. एक बार हम $\beta_1$ का चयन कर लें, तो $\beta$ के अन्य दो मान $\beta_2 = \beta_1\epsilon$ और $\beta_3 = \beta_1\epsilon^2$ प्राप्त किये जा सकते हैं. ध्यान दीजिये कि $\alpha_2$ के संगत $\beta$ का मान $\beta_3$ होना चाहिए, क्योंकि
\[\alpha_2\beta_3 = \alpha_1\epsilon\beta_1\epsilon^2 = \alpha_1\beta_1\epsilon^3 = \alpha_1\beta_1 = - \frac{A}{3}.\]
इसी प्रकार $\alpha_3$ के संगत $\beta$ का मान $\beta_2$ होना चाहिए. हम $\alpha_1$ और $\beta_1$ के मान को निम्न व्यंजक से व्यक्त करेंगे:
\begin{equation}\label{alpha1}
\alpha_1 = \sqrt[3]{-\frac{B}{2} + \sqrt{\frac{B^2}{4} + \frac{A^3}{27}}}
\end{equation}
\begin{equation}\label{beta1}
\beta_1 = \sqrt[3]{-\frac{B}{2} - \sqrt{\frac{B^2}{4} + \frac{A^3}{27}}}
\end{equation}
इस प्रकार समीकरण $(\ref{trans-cubic1})$ के मूल निम्नलिखित होंगे:
\begin{align}
y_1 &= \alpha_1 + \beta_1 = \sqrt[3]{-\frac{B}{2} + \sqrt{\frac{B^2}{4} + \frac{A^3}{27}}} + \sqrt[3]{-\frac{B}{2} - \sqrt{\frac{B^2}{4} + \frac{A^3}{27}}}\\ \nonumber
y_2 &= \alpha_2 + \beta_2 = \alpha_1\epsilon + \beta_1\epsilon^2\\
&= \epsilon \sqrt[3]{-\frac{B}{2} + \sqrt{\frac{B^2}{4} + \frac{A^3}{27}}} + \epsilon^2 \sqrt[3]{-\frac{B}{2} - \sqrt{\frac{B^2}{4} + \frac{A^3}{27}}}\\ \nonumber
y_3 &= \alpha_3 + \beta_3 = \alpha_1\epsilon^2 + \beta_1\epsilon\\
&= \epsilon^2 \sqrt[3]{-\frac{B}{2} + \sqrt{\frac{B^2}{4} + \frac{A^3}{27}}} + \epsilon \sqrt[3]{-\frac{B}{2} - \sqrt{\frac{B^2}{4} + \frac{A^3}{27}}}.
\end{align}
अतः समीकरण $(\ref{cubic})$ के मूल निम्नलिखित होंगे:
\begin{align}
x_1 &= \sqrt[3]{-\frac{B}{2}+ \sqrt{\frac{B^2}{4} + \frac{A^3}{27}}}&+& \sqrt[3]{-\frac{B}{2} - \sqrt{\frac{B^2}{4} + \frac{A^3}{27}}} - \frac{b}{3a}\\
x_2&=\epsilon \sqrt[3]{-\frac{B}{2} + \sqrt{\frac{B^2}{4} + \frac{A^3}{27}}}&+&\epsilon^2 \sqrt[3]{-\frac{B}{2} - \sqrt{\frac{B^2}{4} + \frac{A^3}{27}}} - \frac{b}{3a}\\
x_3&=\epsilon^2\sqrt[3]{-\frac{B}{2}+\sqrt{\frac{B^2}{4}+ \frac{A^3}{27}}}&+&\epsilon \sqrt[3]{-\frac{B}{2} - \sqrt{\frac{B^2}{4} + \frac{A^3}{27}}} - \frac{b}{3a}.
\end{align}
5. वास्तविक त्रिघातीय समीकरण के मूलों की प्रकृति
इस अनुभाग में हम वास्तविक गुणांकों (real coefficients) वाले त्रिघातीय समीकरण $(\ref{cubic})$ के मूलों की प्रकृति (nature of roots) पर विस्तृत चर्चा करेंगे. हम पहले ही सम्मिश्र गुणांकों वाले त्रिघातीय समीकरण के हल पर चर्चा कर चुके हैं. स्पष्टतः वास्तविक त्रिघातीय समीकरण को भी इन सूत्रों की सहायता से हल किया जा सकता है. परन्तु वास्तविक त्रिघातीय समीकरण को हल किये बिना भी इनके मूलों की प्रकृति ज्ञात की जा सकती है. ध्यान दीजिए कि कार्दानो के सूत्र में व्यंजक $\frac{B^2}{4} +
\frac{A^3}{27}$ मूलों की प्रकृति निर्धारित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह व्यंजक वर्गमूल - चिह्न के अंदर है. इस व्यंजक के चिह्नों को देखकर ही मूलों की प्रकृति निर्धारित की जा सकती है. इसके लिए हम
\begin{equation}\label{disc}D = -(4A^3 + 27B^2) = -108\left(\frac{B^2}{4} + \frac{A^3}{27}\right)
\end{equation}
परिभाषित करते हैं, जहाँ $A$ और $B$ क्रमशः व्यंजकों $(\ref{value-A})$ और $(\ref{value-B})$ द्वारा परिभाषित है. इसे त्रिघातीय समीकरण $(\ref{cubic})$ का विवेचक (discriminant) कहते हैं. हम निम्नलिखित स्थितियों पर विचार करते हैं:
स्थिति - 1 $(D < 0)$. इस स्थिति में व्यंजक $(\ref{value-alpha-beta})$ में वर्गमूल - चिह्न के अंदर धनात्मक संख्या होगी. अतः इस व्यंजक में प्रत्येक घनमूल - चिह्न के अंदर वास्तविक संख्याएँ होंगी. हम जानते हैं कि किसी वास्तविक संख्या के तीन घनमूल होते हैं, जिनमें एक घनमूल वास्तविक होता है और शेष दो घनमूल सम्मिश्र संख्याएँ होती हैं. मान लीजिए कि $\alpha$ का वास्तविक मान $\alpha_1$ है. तब प्रतिबंध $(\ref{condition})$ के अनुसार, $\alpha_1$ के संगत $\beta$ का मान $\beta_1$ भी वास्तविक होगा, क्योंकि $A$ एक वास्तविक संख्या है. इस प्रकार समीकरण $(\ref{cubic})$ का प्रथम मूल $x_1 = \alpha_1 + \beta_1$ वास्तविक होगा. अब सूत्र $(\ref{solution})$ के अनुसार,
\begin{align*}x_2 = \alpha_1\epsilon + \beta_1\epsilon^2 &= \alpha_1(\frac{-1 + i\sqrt{3}}{2}) + \beta_1(\frac{-1 - \sqrt{3}}{2})\\
&= - (\frac{\alpha_1 + \beta_1}{2}) + i\sqrt{3}(\frac{\alpha_1 - \beta_1}{2}),
\end{align*}
और
\begin{align*}
x_3 = \alpha_1\epsilon^2 + \beta_1\epsilon &= \alpha_1(\frac{-1 - i\sqrt{3}}{2}) + \beta_1(\frac{-1 + \sqrt{3}}{2})\\
&= - (\frac{\alpha_1 + \beta_1}{2}) - i\sqrt{3}(\frac{\alpha_1 - \beta_1}{2}).
\end{align*}
चूँकि $\alpha_1 \neq \beta_1$, इसलिए $x_2$ और $x_3$ के सामिश्र भाग शून्येतर हैं. इस प्रकार $x_2$ और $x_3$ सम्मिश्र संयुग्मी हैं.
इस प्रकार, यदि $D < 0$, तो समीकरण $(\ref{cubic})$ का एक मूल वास्तविक और दो सम्मिश्र संयुग्मी मूल होते हैं.
स्थिति - 2 $(D = 0)$. इस स्थिति में
\[\alpha = \sqrt[3]{-\frac{q}{2}}, \beta = \sqrt[3]{-\frac{q}{2}}.\]
मान लीजिए कि $\alpha$ का वास्तविक मान $\alpha_1$ है. तब प्रतिबन्ध $(\ref{condition})$ के अनुसार, $\beta_1$ भी वास्तविक होगा. स्पष्टतः $\alpha_1 = \beta_1$. अतः हमें सूत्र $(\ref{solution})$ से
\[x_1 = 2\alpha_1, x_2 = \alpha_1(\epsilon + \epsilon^2) = -\alpha_1, x_3 = \alpha_1(\epsilon^2 + \epsilon) = -\alpha_1\]
प्राप्त होता है.
इस प्रकार, यदि $D = 0$, तो सभी मूल वास्तविक होते हैं और उनमें से दो मूल समान होते हैं.
स्थिति - 3 $(D > 0)$. इस स्थिति में व्यंजक $(\ref{value-alpha-beta})$ में वर्गमूल - चिह्न के
अंदर ऋणात्मक संख्या होगी. अतः इस व्यंजक में प्रत्येक घनमूल - चिह्न के
अंदर सम्मिश्र संख्याएँ होंगी. अतः $\alpha$ और $\beta$ के सभी मान सम्मिश्र होंगे. परन्तु हम जानते हैं त्रिघातीय समीकरण का कम - से - कम एक वास्तविक मूल अवश्य होता है. मान लीजिए यह मूल $x_1 = \alpha_0 + \beta_0$ है. प्रतिबंध $(\ref{condition})$ के अनुसार, $\alpha_0\beta_0 = - \frac{A}{3}$ भी वास्तविक है. अतः $\alpha_0$ और $\beta_0$ परस्पर सम्मिश्र संयुग्मी हैं. परन्तु, तब $\alpha_0\epsilon$ और $\beta_0\epsilon^2$ भी परस्पर संयुग्मी हैं. इसी प्रकार, $\alpha_0\epsilon^2$ और $\beta_0\epsilon$ भी परस्पर संयुग्मी हैं. अतः
\[x_2 = \alpha_0\epsilon + \beta_0\epsilon^2 ~\text{और}~ x_3 = \alpha_0\epsilon^2 + \beta_0\epsilon \]
वास्तविक संख्याएँ हैं. इस प्रकार सभी मूल वास्तविक हैं. यह आसानी से दिखाया जा सकता है कि ये सभी मूल भिन्न- भिन्न हैं.
इस प्रकार, यदि $D > 0$, तो वास्तविक त्रिघातीय समीकरण के तीन भिन्न - भिन्न वास्तविक मूल होते हैं.
6. संदर्भ
[1] A. Kurosh. Higher Algebra, Translated from the Russian by G. Yankovsky, MIR Publishers, Moscow, 1980.
[2] Wikipedia: Cubic_function — Cardano's method
[3] Weisstein, Eric W. "Cubic Formula." From MathWorld--A Wolfram Web Resource. http://mathworld.wolfram.com/CubicFormula.html
example solve karke dsaalo
जवाब देंहटाएंआपके app का क्या नाम है sir
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