परिचय


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मंगलवार, 20 सितंबर 2016

लघुगणक सारणी के प्रयोग के बिना अभिकलन

संख्यात्मक अभिकलनों से संबंधित कुछ ऐसी समस्याएँ हैं, जिन्हें हम लघुगणक की सहायता से आसानी से हल कर सकते हैं. उदाहरण के लिए, किसी संख्या का वर्गमूल, घनमूल, पंचमूल,......, nवाँ मूल ज्ञात करने की समस्या; किसी संख्या का घात ज्ञात करने की समस्या, इत्यादि. इन समस्याओं को हल करने के क्रम में हम या तो लघुगणक सारणी का प्रयोग करते हैं या परिकलक (कैलकुलेटर) या संगणक (कम्प्यूटर) का. क्या कभी आपने सोचा है कि परिकलक या संगणक लघुगणक का मान कैसे ज्ञात करता है ? वह कौन सी प्रक्रिया है, जिसकी सहायता से संख्याओं के लघुगणक का मान ज्ञात कर लघुगणक सारणी के रूप में सारणीबद्ध किया गया ? यदि आप यह प्रक्रिया जान जाएँ, तो आप बिना किसी लघुगणक सारणी, परिकलक या संगणक की सहायता से किसी संख्या का लघुगणक ज्ञात कर सकते हैं. इन प्रक्रियाओं में हमें केवल योग, गुणन, व्यवकलन और विभाजन की संक्रियाओं का ही प्रयोग करना पड़ता है, जिन्हें आसानी से किया जा सकता है. प्रस्तुत लेख में हम इसी विषय पर चर्चा करेंगे.

लघुगणक क्या है?

लघुगणक को परिभाषित करने से पहले हम कुछ समस्याओं पर विचार करते हैं. अगर आपसे पुछा जाए कि $10^3$ का मान क्या होगा, तो आप इसका परिकलन शीघ्र ही कर लेते हैं : $10^3 = 10 \times 10\times10 = 1000$. अत्यधिक व्यापक रूप में आप किसी पूर्णांक $a$ और धनात्मक पूर्णांक $n$ के लिए $a^n$ का मान $a$ को $n$ बार गुणा करके ज्ञात कर सकते हैं, अर्थात,
\[a^n = \underbrace{a \times \cdots \times a}_{n ~~\text{बार}}.\]
अब अगर आपसे पूछा जाए कि $10^{1.7}$ का मान क्या होगा, तो आप उपरोक्त विधि से इसका मान ज्ञात नहीं कर पाएँगे. क्यों ? क्योंकि $1.7$ बार गुणा करने का कोई अर्थ प्रतीत नहीं होता है? अर्थात $\underbrace{10 \times \cdots \times 10}_{1.7 ~~\text{बार}}$ का कोई अर्थ नहीं है. तब प्रश्न उठता है कि इस घातांक का क्या अर्थ है. यह बहुत ही गूढ़ प्रश्न है. इस प्रश्न का उत्तर हम यहाँ नहीं देंगे, क्योंकि इसे समझने के लिए हमें गणित के उच्चस्तरीय पाठ्यक्रम वास्तविक विश्लेषण के अंतर्गत अनुक्रम और उसके अभिसरण तथा वास्तविक संख्याओं के सृजन की विधियों का ज्ञान आवश्यक है. वास्तव में गणित में किन्हीं दो वास्तविक संख्याओं के  गुणनफल को परिभाषित करना एक गूढ़ विषय है और इसे भी समझने के लिए उपरोक्त विषयों का ज्ञान आवश्यक है. उदाहरण के लिए,हम  $2\times 3$ का मान $2$ को तीन बार जोड़ कर ज्ञात कर सकते हैं, अर्थात $2 \times 3 = 2 + 2 + 2 = 6$. व्यापक रूप में, यदि $a$ और $m$ धनात्मक पूर्णांक हों, तो $a \times m$ का मान हम $\underbrace{a + \cdots + a}_{m~~\text{बार}}$ का परिकलन करके कर सकते हैं. परन्तु यदु हमें $2 \times 3.7$ का मान ज्ञात करना हो, तो हम क्या करेंगे? हम उपरोक्त योग की प्रक्रिया द्वारा इसका मान ज्ञात नहीं कर सकते हैं, क्योंकि  $\underbrace{2+ \cdots + 2}_{3.7~~\text{बार}}$ का कोई अर्थ नहीं है.

आइए, अब एक दूसरी समस्या पर विचार करते हैं. अगर आपसे पूछा जाए कि $10$ का कौन सा घात $1000$ होता है, तो आपका उत्तर होगा: $3$, क्योंकि $10^3 = 1000$. इसी प्रकार यदि आपसे पूछा जाए कि $2$ का कौन सा घात $32$ होगा तो आपका उत्तर होगा: $5$, क्योंकि $2^5 = 32$. परन्तु यदि आपसे पुछा जाए कि $2$ का कौन सा घात $31$ होगा या $10$ का कौन सा घात $997$ होगा, तो आप अटक जाएँगे, क्योंकि ऐसी कोई धनात्मक पूर्णांक संख्याएँ $m$ और $n$ नहीं हैं जिससे कि $2^m$ का मान $31$ और $10^n$ का मान $997$ हों. अत्यधिक व्यापक रूप में, यदि वास्तविक संख्याएँ $a$ और $m$ दिए हुए हों, तो चर $x$ के लिए समीकरण $a^x = m$ को हल करना सदैव आसान नहीं होता है. तब प्रश्न यह उठता है कि इस समस्या को कैसे हल करें. इन समस्याओं को ही हल करने के लिए हम लघुगणक का प्रयोग करेंगे.

आइए, अब लघुगणक को परिभाषित करने का प्रयास करते हैं. आपने देखा कि समीकरण $10^x =1000$ का हल $x = 3$ होता है. इस स्थिति में हम लिखते हैं कि $\log_{10}1000 = 3$ और इसे पढ़ते हैं: आधार $10$ पर $1000$ का लघुगणक $3$ है. यहाँ $\log$ हिंदी शब्द लघुगणक के अंग्रेजी शब्द logarithm का संक्षिप्त रूप है. इस प्रकार हम समीकरण $10^x = 1000$ के हल को इस रूप में लिख सकते हैं: $x = \log_{10}1000$.  इसी प्रकार समीकरण $2^x = 32$ के हल को हम $x = \log_{2}32$ के रूप में लिख सकते है. हमने देखा है कि $2^5 = 32$, अतः $\log_{2}32 = 5$ होगा और इस प्रकार समीकरण $2^x = 32$ का हल $x = 5$ होगा. अत्यधिक व्यापक रूप में समीकरण $a^x = m$ के हल को $x = \log_{a}m$ के रूप में लिखा जा सकता है. आइए अब हम लघुगणक की परिशुद्ध परिभाषा देते हैं: 


लघुगणक की परिभाषा
मान  लीजिए $a$ और $m$ वास्तविक संख्याएँ है, जहाँ $a > 0$ और $a \neq 1$. यदि  किसी वास्तविक संख्या $x$ के लिए $a^x = m$ हों, तो संख्या $x$ को आधार $a$ पर $m$ का लघुगणक कहा जाता है और इसे संकेत में $x = \log_am$ लिखते हैं. यहाँ $a$ को लघुगणक का आधार कहा जाता है.


ध्यातव्य:
  • परिभाषा के अनुसार, आधार $a$ पर $m$ का लघुगणक $\log_a m$ समीकरण $a^x =m$ का हल होता है. अर्थात यदि हम इस समीकरण में $x$ के स्थान पर $\log_a m$ प्रतिस्थापित करें, तो समीकरण संतुष्ट होता है: $a ^{\log_a m} = m$. इसे एक सूत्र के रूप में याद रखें. उदाहरण के लिए, $2^{\log_2 32} = 32$.
  • ध्यान दें कि आधार $a=1$ नहीं लिया जा सकता है, क्योंकि यदि $a = 1$ तो $\log_1 m$ सदैव परिभाषित नहीं होता है. यह केवल $m = 1$  के लिए परिभाषित है. क्यों ? मान लीजिए $\log_1 m = x$, तब परिभाषा के अनुसार, $1^x = m$. अब हम $x$ का कोई भी मान क्यों न लें, $1^x$ का मान सदैव $1$ होगा. अतः यदि $m = 1$, तो इस समीकरण का हल $x = 1$ होगा. परन्तु यदि $m \geq 2$, तो इस समीकरण का कोई हल नहीं होगा. उदाहरण हेतु $m = 5$ लेकर देखें. यही कारण है कि लघुगणक की परिभाषा में आधार $a = 1$ नहीं लिया जाता है.
  • लघुगणक की परिभाषा में हम आधार को शून्य नहीं ले सकते हैं, क्योंकि शून्य का कोई भी घात शून्य ही होता है. इस प्रकार यदि $m$ शून्य नहीं हों, तो $\log_0 m$ परिभाषित नहीं होगा और यदि $m$ शून्य हों, तब भी $\log_0 0$ का कोई निश्चित मान नहीं दिया जा सकता, क्योंकि $0^x = 0$ के अनंत हल है. कोई भी धनात्मक संख्या इसका हल होता है.
  • इसी प्रकार लघुगणक की परिभाषा में आधार $a$ का ऋणात्मक मान नहीं लिया जा सकता, क्योंकि यदि $a$ ऋणात्मक हों, तो समीकरण $a^x$ सदैव परिभाषित नहीं होता है. उदाहरण के लिए, $a = -3$ और $x  = 0.5$ के लिए, $a^x$ परिभाषित नहीं है.
  • ध्यान दें कि $\log_a1 = 0$ और $\log_a a = 1$ होता है, जहाँ $a$ एक शून्येतर वास्तविक संख्या है और $a \neq 1$.
  • लघुगणक की परिभाषा से स्पष्ट है कि $\log_a m = x$ यदि और केवल यदि $a^x = m$.


ln(x) का ग्राफ

आइए, अब हम पूर्व में पूछे गए एक प्रश्न पर फिर से विचार करते हैं. हमारा प्रश्न था: $2$ का कौन संख्या घात $31$ होगा ?  बीजगणितीय भाषा में हम चर $x$ का ऐसा मान ज्ञात करना चाहते हैं जिससे कि $2^x = 31$ हों. लघुगणक की परिभाषा को ध्यान में रखते हुए हम कह सकते हैं कि $x = \log_2 31$. परन्तु अब समस्या यह है कि इस $\log_2 31$ का मान कैसे ज्ञात किया जाए ? अगले अनुच्छेद में हम इसी विषय पर चर्चा करने जा रहे हैं.

लघुगणक का परिकलन

इस अनुच्छेद में हम लघुगणक सारणी का प्रयोग किए बिना लघुगणक ज्ञात करने की विधि पर चर्चा करेंगे. इस उद्देश्य हेतु हम लघुगणक के कुछ महत्त्वपूर्ण गुणधर्मों का प्रयोग करेंगे. इन गुणधर्मों की उपपत्ति हम नहीं देंगे. जिज्ञासु पाठक इन गुणधर्मों की उपपत्तियाँ यहाँ देख सकते हैं. साथ ही इस सामग्री को पढ़कर लघुगणक सारणी के प्रयोग से पुनः परिचित हो सकते हैं, जो इस लेख को समझने में सहायक सिद्ध हो सकती है.



गुणधर्म $1$

दो संख्याओं के गुणनफल का लघुगणक उन संख्याओं के लघुगणकों का योग होता है.अर्थात्
\[\log_a (mn) = \log_a m + \log_a n.\]
यह संबंध दो से अधिक संख्याओं के लिए भी सत्य हैं.
\[\log_a(m_1 m_2 \cdots m_k) = \log_a  m_1 + \log_a m_2 + \cdots + \log_a m_k.\]
इस गुणधर्म की एक विशेष स्थिति है:
\[\log_a (m^n) = n \log_a m.\]



गुणधर्म $2$

दो संख्याओं के अनुपात का लघुगणक उन संख्याओं के लघुगणकों का अंतर होता है.अर्थात्
\[\log_a \left(\frac{m}{n}\right) = \log_a m - \log_a n.\]


गुणधर्म $3$

यह गुणधर्म लघुगणक का आधार परिवर्तन करने में सहायक है.
\[\frac{\log_a m}{\log_a n.} = \log_n m\]
इसे इस रूप में भी याद रखा जा सकता है:
\[\log_a m =(\log_a n) (\log_n m).\]


मान  लीजिए $a$ और $m$ वास्तविक संख्याएँ है, जहाँ $a > 0$ और $a \neq 1$. यदि  किसी वास्तविक संख्या $x$ के लिए $a^x = m$ हों, तो संख्या $x$ को आधार $a$ पर $m$ का लघुगणक कहा जाता है और इसे संकेत में $x = \log_am$ लिखते हैं. यहाँ $a$ को लघुगणक का आधार कहा जाता है.


हम मुख्यतः पहले दो गुणधर्मों का उपयोग करेंगे. यदि लघुगणक का आधार $10$ हों, तो हम $\log_{10}m$ के स्थान पर केवल $\log m$ लिखेंगे. आधार दस वाले लघुगणक को सामान्य लघुगणक (Common Logarithm) कहा जाता है. विशुद्ध गणित में लघुगणक का आधार प्रायः $e$ लिया जाता है, जो एक अपरिमेय संख्या है और इसका सन्निकट मान $ 2.71828$ होता है. इस स्थिति में हम $\log_{e}m$ के स्थान पर सामान्यतः $\ln m$ लिखते हैं. आधार $e$ वाले लघुगणक को प्राकृतिक लघुगणक (Natural Logarithm) कहा जाता है. यहाँ पर हम लघुगणक का परिकलन आधार $10$ पर करेंगे. किसी एक आधार पर लघुगणक का मान ज्ञात रहने पर गुणधर्म $3$ की सहायता से हम अन्य आधार पर भी लघुगणक का मान आसानी से परिकलित कर सकते हैं.

मान लीजिये हमें $\log m$ का मान ज्ञात करना है. हम $m$ को निम्नलिखित रूप में लिखते है:
\[m = n \times 10^p,\]
जहाँ $p$ एक पूर्णांक है और या $0 \leq n < 1$ या $1 < n < 2$ . उदाहरण के लिए, हम $31$ को $0.31 \times 10^{2}$ के रूप में, $0. 0023$ को $0.23 \times 10^{-2}$ के रूप में, $15. 324$ को $0. 15324 \times 10^{2}$ के रूप में या $1.5324 \times 10$ के रूप में लिख सकते हैं, इत्यादि. तब हम गुणधर्म $1$ की सहायता से $\log m$ को निम्नलिखित रूप में लिख सकते हैं:
\[\log m = \log (n \times 10^p) = \log n + \log (10^p) = \log n + p \log 10 = \log n + p,\]
क्योंकि $\log 10 = 1$. अतः यदि हम किसी विधि से $\log n$ का मान ज्ञात करसके तो हम इसमें $p$ जोड़कर $\log m $ का मान ज्ञात कर सकते हैं. उदाहरण के लिए,
\[\log 31 = \log (0.31 \times 10^2) = \log(0.31) + \log(10^2) = \log (0.31) + 2 \log10 = \log(0.31) + 2.\]
इस प्रकार हमारे समस्या $1$ से छोटी धनात्मक संख्याओं का लघुगणक ज्ञात करने की समस्या में रूपांतरित हो जाती है. आधार परिवर्तन सूत्र की सहायता से हम लिख सकते हैं कि
\[\log n = \log_{10}n = \frac{\log_e n}{\log_e 10} = \frac{\ln n}{\ln 10}.\]
 इस प्रकार यदि हमें $\ln n$ और $\ln 10$ का मान ज्ञात हों, तो हम $\log n$ का मान आसानी से ज्ञात कर सकेंगे. अब यहाँ पर निम्नलिखित सूत्रों का प्रयोग करेंगे:

सूत्र $1$

यदि $x$ एक वास्तविक संख्या हो और $0 < x < 1$, तो
\[\ln (x) = -\left[(1-x) + \frac{(1-x)^2}{2} + \frac{(1-x)^3}{3} + \cdots +  \frac{(1-x)^k}{k} + \cdots\right].\]


सूत्र $2$

यदि $x$ एक धनात्मक वास्तविक संख्या हो, तो
\[\ln (x) = 2\left[\frac{x -1}{x +1}+ \frac{1}{3}\left(\frac{x -1}{x +1}\right)^3+\frac{1}{5}\left(\frac{x -1}{x +1}\right)^5 + \cdots +  \frac{1}{2k+1}\left(\frac{x -1}{x +1}\right)^{2k+1} + \cdots\right].\]


ध्यान दें सूत्र $1$ और सूत्र $2$ अनंत पदों का योगफल है. हम इन सूत्रों में परिमित संख्या में पदों का प्रयोग करके $\ln(x)$ का सन्निकट मान ज्ञात कर सकते हैं. हम जितनी अधिक संख्या में पदों का प्रयोग करेंगे, परिकलित मान सही मान के उतना ही ज्यादा नजदीक होगा. यदि $x$ का मान $1$ के काफी नजदीक हों तो सूत्र $2$ का प्रयोग करना उत्तम होगा.

उपरोक्त सूत्र की सहायता से $\ln 10$ का सन्निकट मान आसानी से ज्ञात किया जा सकता है और यह मान है $\ln10 \approx 2.3025850929940457 \approx 2.3026$. तब $\frac{1}{\ln 10}$ का सन्निकट मान $0.4342944819032518 \approx 0.43423$ होगा. क्योंकि इन मानों की सदैव आवश्यकता होगी, अतः इन्हें याद कर लिया जाना चाहिए. अब हम लिख सकते हैं कि
\[\log n =  \frac{\ln n}{\ln 10} \approx 0.4343 \ln n. \]
इसलिए
\[\log m = \log n + p \approx 0.4343 \ln n + p .\]
हम $\ln n $ का सन्निकट मान उपरोक्त सूत्रों की सहायता से ज्ञात कर सकते हैं. इस प्रकार हम $\log m$ का सन्निकट मान लघुगणक सारणी के प्रयोग के बिना ज्ञात कर सकते हैं. इसे हम कुछ उदाहरणों के द्वारा स्पष्ट करेंगे.

उदाहरण $1:$ $\log_2 31$ का मान ज्ञात करना.

हल: $\log_2 31 = \frac{\log 31}{\log 2}$.
अब $\log 31 = \log(0.31 \times 10^2) = \log (0.31) + 2 = 0.4343 \ln (0.31) + 2 $.

 $20$ पदों तक सूत्र $1$ का प्रयोग करने पर हमें प्राप्त होता है:
\[\ln(0.31) = -1.171125\]
जो दशमलव के चार स्थानों तक शुद्ध है. इसलिए
\[\log 31 = 0.4343 \times (-1.171125) + 2 = 1.491361\]
जो दशमलव के चार स्थानों तक शुद्ध है. पुनः $20$ पदों तक सूत्र $1$ का प्रयोग करने पर हमें प्राप्त होगा:
\[\log 2 = \log (0.2 \times10) = \log(0.2)+1 = 0.4343 \ln (0.2) + 1 = 0.4343(-1.60754) + 1 = 0.30184\]
जो दशमलव के तीन स्थानों तक शुद्ध है. अतः
\[\log_2 31 = \frac{\log 31}{\log 2} = \frac{1.49136}{0.30184} = 4.94089\]
जो दशमलव के एक स्थान तक शुद्ध है. वास्तविक मान $4.95419$ है. यदि सूत्र में अधिक पदों का प्रयोग किया जाए, तो अधिक शुद्ध मान प्राप्त होगा.

उदाहरण $2:$ $\log 997$ का मान ज्ञात करना.

हल: सूत्र $1$ के चार पदों का प्रयोग करने पर हमें प्राप्त होता है:
\[\log 997 = \log (0.997 \times 10^3) = 3 + \log (0.997) = 3 + 0.4343 \ln(0.997) = 3 + 0.4343 \times 0.003 = 2.9986971\]
जो दशमलव के पाँच स्थानों तक शुद्ध है. इसका वास्तविक मान $2.99869515$ है.

ध्यान दें कि उपरोक्त सूत्रों का प्रयोग करने पर हम लघुगणक सारणी का प्रयोग करने से तो बच जाते हैं, परन्तु हमें जटिल गुणन और भाग की संक्रियाओं से गुजरना होता है, जिसमें समय की ज्यादा खपत हो सकती है. साथ ही प्राप्त मान की शुद्धता अनंत श्रेणी में लिए गए पदों की संख्या पर निर्भर करती है. हम जितनी अधिक संख्या में पद लेंगे, प्राप्त मान की परिशुद्धता उतनी ही अधिक होगी. अब एक महत्त्वपूर्ण प्रश्न यह है कि यदि हम दशमलव के कुछ नियत स्थानों तक ( मान लीजिये पाँच स्थानों तक ) मान प्राप्त करना कहते हैं, तो हमें श्रेणी के कितने पद लेने होंगे. इस प्रश्न का उत्तर है, परन्तु विषयांतर होने के कारण यहाँ पर चर्चा करना संभव नहीं है. यह संख्यात्मक विश्लेषण (Numerical Analysis) के अंतर्गत त्रुटि विश्लेषण (Error Analysis) का विषय है. एक और उल्लेखनीय बात है कि अत्यधिक परिशुद्ध मान प्राप्त करने के लिए कई प्रकार की श्रेणियाँ हैं और अन्य कई प्रकार की विधियाँ हैं, जिनकी चर्चा हम नहीं करेंगे. हमारा उद्देश्य एक वैकल्पिक विधि प्रस्तुत करना था, जिसमें  कुछ सूत्रों को याद रखके सन्निकट मान ज्ञात किया जा सके.

प्रतिलघुगणक  ज्ञात करने की विधि


प्रतिलघुगणक (Antilogarithm) परिभाषित करने से पहले हम इस लेख के आरंभ में उठाए गए एक प्रश्न पर विचार करते हैं. वहाँ हमने कहा था कि $10^{1.7}$ का मान सामान्य विधि से ज्ञात नहीं किया जा सकता है. इसे ज्ञात करने के लिए हमें निम्नलिखित सूत्रों की आवश्यकता होगी.

सूत्र $3$

यदि $x$ एक धनात्मक वास्तविक संख्या हो और $y$ कोई वास्तविक संख्या हो, तो
\[x^y = e^{y \ln x}.\]

सूत्र $4$

यदि $x$ एक वास्तविक संख्या हो, तो
\[e^x = \sum_{k =0}^{\infty}x^k = 1 + x + \frac{x^2}{2!} + \frac{x^3}{3!}+ \cdots + \frac{x^k}{k!} + \cdots,\]
जहाँ $k! = k(k-1)(k-2)\cdots3\cdot2\cdot1$.


उपरोक्त सूत्र $3$ के अनुसार, $10^{1.7} = e^{1.7 \ln 10}$. क्योंकि $\ln 10$ का मान हम ज्ञात कर सकते हैं, सूत्र $4$ में x के स्थान पर $1.7 \ln 10$ प्रतिस्थापित कर पर्याप्त संख्या में पदों को लेकर $10^{1.7}$ का मान आसानी से ज्ञात किया जा सकता है. हम यहाँ परिकलन नहीं करेंगे. पाठक स्वयं परिकलन कर जाँच कर सकते हैं.


प्रतिलघुगणक की परिभाषा
यदि आधार $a$ पर किसी वास्तविक संख्या $m$ का लघुगणक $x$ हो, तो $m$ को उसी आधार पर $x$ का प्रतिलघुगणक कहा जाता है. इसे हम $\text{Antilog}_a x = m$ लिखते हैं और कहते हैं कि आधार $a$ पर $x$ का प्रतिलघुगणक $m$ है. दुसरे शब्दों में, कोई वास्तविक संख्या $m$ किसी अन्य वास्तविक संख्या $x$ का प्रतिलघुगणक होता है यदि $\log_a m = x$. लघुगणक की परिभाषा से हम जानते हैं कि $\log_a m = x$ यदि और केवल यदि $a^x = m$. इस प्रकार  $\text{Antilog}_a x = m = a^x$. अतः आधार $a$ पर $x$ का प्रतिलघुगणक ज्ञात करने का अर्थ है $a^x$ का  मान ज्ञात करना.


ध्यान दें कि $\text{Antilog}_a(\log_a m) = m$. अतः किसी संख्या का लघुगणक ज्ञात कर पुनः उसका प्रतिलघुगणक ज्ञात करने पर वही संख्या प्राप्त हो जाती है, जो प्रतिलघुगणक नाम को स्पष्ट करता है. इस प्रकार प्रतिलघुगणक लघुगणक की विपरीत प्रक्रिया है.

यदि प्रतिलघुगणक का आधार $10$ हो, तो इसे हम सामान्य प्रतिलघुगणक कहते हैं और किसी धनात्मक वास्तविक संख्या $x$ के सामान्य प्रतिलघुगणक को संकेत $\text{Antilog}~x$ से  निरूपित करते हैं. यदि प्रतिलघुगणक का आधार $e$ हो, तो इसे हम प्राकृतिक प्रतिलघुगणक कहेंगे और किसी धनात्मक वास्तविक संख्या $x$ के प्राकृतिक प्रतिलघुगणक को $\text{Antiln}~x$ से  व्यक्त करेंगे. यह भी ध्यान दें कि $\text{Antilog}~x = 10^x$ और $\text{Antiln}~x = e^x$.

अब हम एक उदाहरण की सहायता से इसी समझने का प्रयास करेंगे.  हम $3^{1/5}$ का मान ज्ञात करना चाहते हैं. मान लीजिए इसका मान $x$ है. तब $x = \text{Antiln}(\ln x) = \text{Antiln}(\ln x) = e^{\ln x} = e^{\ln(3^{1/5})} = e^{\frac{1}{5}\ln 3}$. क्योंकि हम $\ln 3$ का मान सूत्र की सहायता से ज्ञात कर सकते हैं और हमें $e^x$ का भी सूत्र ज्ञात है, हम $x$ का मान ज्ञात कर सकते हैं.


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