मान लीजिए $a$ और $b$ स्वेच्छ पूर्णांक हैं | एक पूर्णांक $d$ को $a$ और $b$ का समापवर्तक (common factor) या सार्वभाजक
(common divisor) कहते हैं, यदि $d \mid a$ और $d \mid b$. क्योंकि $1$
सभी पूर्णांकों को विभाजित करता है, यह $a$ और $b$ का सार्वभाजक है | इस
प्रकार $a$ और $b$ के धनात्मक सार्वभाजकों का समुच्चय अरिक्त है | अब,
क्योंकि प्रत्येक धन पूर्णांक $0$ को विभाजित करता है, अतः यदि $a = b =0$
हों, तो प्रत्येक धन पूर्णांक $a$ और $b$ का सार्वभाजक होगा | इस प्रकार, इस स्थिति में $a$ और $b$ के धन सार्वभाजकों की संख्या
अनंत है | परन्तु, यदि $a$ और $b$ में कम से कम एक पूर्णांक शून्येतर
(nonzero) हो, तो इनके धन सार्वभाजकों की संख्या परिमित होगी | इन
सार्वभाजकों में एक महत्तम संख्या होती है, जिसे हम $a$ और $b$ का महत्तम समापवर्तक (greatest common factor) या महत्तम सार्वभाजक (greatest common divisor) कहते हैं | इस प्रकार हम निन्लिखित परिभाषा देते हैं:
परिभाषा (महत्तम सार्वभाजक). मान
लीजिए $a$ और $b$ पूर्णांक हैं, जिनमें कम से कम एक पूर्णांक शून्येतर है |
संख्याओं $a$ और $b$ के महत्तम सार्वभाजक, जिसे $\gcd(a, b)$ से निरुपित
किया जाता है, एक धन पूर्णांक $d$ होता है, जो निम्न प्रतिबंधों को संतुष्ट
करता है:
(a) $d \mid a$ और $d \mid b$.
(b) यदि $c \mid a$ और $c \mid b$, तो $c \leq d$.
उदाहरण. दो पूर्णांक
$-8$ और $12$ लीजिए | $-8$ के धन भाजक $1, 2, 4$ और $8$ हैं, जबकि $12$ के
धन भाजक $1, 2, 3, 4, 6$ और $12$ हैं |इस प्रकार $-8$ और $12$ के
सार्वभाजक $1, 2$ और $4$ हैं | इनमें $4$ महत्तम संख्या है | अतः $\gcd(-8,
12)=4$.
अगला प्रमेय बताता है कि दो संख्याओं $a$ और $b$ के महत्तम
सार्वभाजक को $a$ और $b$ के रैखिक संयोजन (linear combination) के रूप में
लिखा जा सकता है |
प्रमेय. यदि $a$ और $b$ दो दिए गए पूर्णांक हों, जिनमें कम से कम एक शून्येतर हो, तो पूर्णांकों $x$ और $y$ का अस्तित्व होता है, जिससे कि
\[\gcd(a, b) = ax + by.\]
इस प्रमेय की उपपत्ति और इस विषय से संबंधित अन्य जानकारी के लिए मूल आलेख विभाज्यता - सिद्धांत (The Theory of Divisibility) देखें |
ध्यातव्य: इस विषय से संबंधित किसी भी प्रश्न या जिज्ञासा के लिए इस पृष्ठ पर टिप्पणी करें या ganitanjalii@gmail.com पर ई-मेल करें |
(चैत्र शुक्ल पक्ष, चतुर्थी, वि. सं. 2072, सोमवार)
(चैत्र 02, राष्ट्रीय शाके 1937, सोमवार)
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