Processing math: 0%

परिचय


गणितीय ब्लॉग "गणिताञ्जलि" पर आपका स्वागत है ! \ast\ast\ast\ast\ast प्रस्तुत वेबपृष्ठ गणित के विविध विषयों पर सुरुचिपूर्ण व सुग्राह्य रचनाएँ हिंदी में सविस्तार प्रकाशित करता है.\ast\ast\ast\ast\ast गणिताञ्जलि : शून्य (0) से अनंत (\infty) तक ! \ast\ast\ast\ast\ast इस वेबपृष्ठ पर उपलब्ध लेख मौलिक व प्रामाणिक हैं.

शनिवार, 31 दिसंबर 2016

विभाज्यता - परीक्षण का व्यापक सिद्धांत (General Theory of Divisibility Tests)

विभाज्यता-नियम वे नियम हैं जिनके द्वारा मूल संख्या पर लम्बी भाग की प्रक्रिया किये बिना हम किसी एक संख्या से दूसरी संख्या के विभाज्यता का पता  कर सकते हैं. परंतु विभाज्यता से हमारा क्या तात्पर्य है ? हम कहते हैं कि कोई  पूर्णांक b एक अन्य पूर्णांक a से विभाज्य है (या पूर्णांक a पूर्णांक b को विभाजित करता है), यदि एक ऐसे पूर्णांक c का अस्तित्व हो, जिससे कि b = ac हो, और इस स्थिति में हम a \mid b लिखते हैं और इसे "a ~ b को विभाजित करता है" पढ़ते हैं. उदाहरण के लिए, 12 अभाज्य संख्या 3 से विभाज्य है, क्योंकि एक पूर्णांक 4 का अस्तित्व है, जिससे कि 12 = 3 \times 4. विभाज्यता से संबंधित कुछ नियमों से पाठक संभवतः परिचित होंगे - जैसे कोई धन पूर्णांक 2 से विभाज्य होता है यदि और केवल यदि इसका इकाई अंक एक सम संख्या हो, और कोई धन पूर्णांक 3 से विभाज्य होता है, यदि और केवल यदि इनके अंकों का योग 3 से विभाज्य हों, इत्यादि. अलग - अलग धन पूर्णांक से विभाज्यता के अलग - अलग नियम हैं, जिन्हें याद रख पाना प्रायः कठिन होता है. परन्तु ये सभी नियम कुछ विभाज्यता के कुछ आधारभूत सिद्धांतों पर आधारित हैं, जिन्हें याद रखना और समझना आसान हैं. इन सिद्धांतों को समझ लेने के पश्चात आप किसी भी संख्या से विभाज्यता का नियम स्वयं खोज सकते हैं. प्रस्तुत लेख में हम विभाज्यता-नियमों का उल्लेख करने से पहले इन आधारभूत सिद्धांतों पर चर्चा करेंगे, उन्हें प्रमाणित करेंगे और फिर बताएँगे कि किस प्रकार इन सिद्धांतों का प्रयोग विभाज्यता नियमों के निर्धारण में किया जा सकता है.

कोई टिप्पणी नहीं :

एक टिप्पणी भेजें

शीर्ष पर जाएँ