"गणितज्ञ कैसे बनें ?" गणितीय आलेखों की एक श्रृंखला है, जिसके अंतर्गत विविध गणितीय विषयों पर ऐसे लेख प्रस्तुत किये जाते हैं, जो पाठकों को ज्ञात गणितीय तथ्यों, परिणामों और सूत्रों को स्वयं खोजने के लिए क्रमबद्ध तरीके से प्रेरित करते हैं और जिनसे उनके अंदर गणितीय शोध की स्वाभाविक प्रवृति जागृत होती है.
यदि कोई वास्तविक संख्या (real number) $a$ दी हुई हों, तो इसके $n$-वें घात $a^n$, जहाँ $n$ एक ॠणेतर (non-negative) संख्या है, का परिकलन आसानी से कर सकते हैं. इसके लिए हम $\underbrace{a \times \cdots \times a}_{n \text{बार}}$ का परिकलन करते हैं. उदाहरण के लिए, $5^2 = 5 \times 5 = 25$ और $(-2)^3 = (-2) \times (-2) \times (-2) = -8$. ध्यान रखें कि किसी शून्येतर (nonzero) वास्तविक संख्या $a$ के लिए $a^0$ का मान $1$ परिभाषित किया जाता है.
अब मान लीजिए हमें $(107)^2$ का परिकलन करना है. इसे हम कई तरीके से कर सकते हैं:
\begin{equation}\label{e1}
(107)^2 = 107 \times 107 = 11449.
\end{equation}
\begin{equation}\label{e2}
(107)^2 = 107 \times 107 = 107 \times (100 + 7) = 107 \times 100 + 107 \times 7 = 10700 + 963 = 11449.
\end{equation}
\begin{align}
(107)^2 = (100 + 7)^2 &= (100 + 7)\times (100 + 7) \notag\\
&= 100 \times 100 + 100 \times 7 + 7 \times 100 + 7 \times 7 \notag\\
&= 10000 + 700 + 700 + 49 = 11449. \label{e3}
\end{align}
पहली विधि $(\ref{e1})$ में हमने सीधे ही $(107)^2$ का परिकलन किया है,जबकि दूसरी विधि $(\ref{e2})$ में हमने दूसरे गुणनखंड $107$ को $100 + 7$ में विखंडित कर बंटन नियम का उपयोग किया है. तीसरी विधि $(\ref{e3})$ में भी हमने बंटन नियम का ही उपयोग किया है, परन्तु यहाँ दोनों ही गुणनखंडों को विखंडित किया है. क्या आप बता सकते हैं कि ऐसा करने से क्या लाभ होता है ? ऐसा करने से हमें छोटी - छोटी संख्याओं को आपस में गुणा करना पड़ा, जो गुणन - प्रक्रिया को आसान बना देता है. जैसे कि $100 \times 100$ का गुणनफल इन्हें देखकर ही लिखा जा सकता है: हम $1$ पर चार शून्य लिखते हैं. विधि $(\ref{e3})$ में हम देख सकते हैं कि हमें बार - बार संख्याओं को गुणा कर फिर उन सबका योगफल निकालना पड़ता है. अतः यह प्रक्रिया भी थोड़ी उबाऊ लगती है. ध्यान दीजिये कि $(\ref{e3})$ में हमने $(107)^2$ को दो संख्याओं के योगफल के वर्ग के रूप में, अर्थात $(100 + 7)^2$ लिखा है. अत्यधिक व्यापक रूप में हम दो संख्याओं $a$ और $b$ के योगफल के वर्ग $(a + b)^2$ पर विचार कर सकते हैं. यदि इस व्यंजक का मान $a$ और $b$ के पदों में लिखा जा सके, तो हमारा परिकलन आसान हो जाएगा. दूसरे शब्दों में हम व्यंजक $(a + b)^2$ के परिकलन के लिए कोई सूत्र खोजना चाहते हैं. क्या आप कोई सूत्र दे सकते हैं ? यहाँ ठहरिये और इसपर विचार कीजिये. शायद आप सफल हो जाएँ ! यदि नहीं तो आगे हम आपका पुनः मार्गदर्शन करते हैं. आप जानते हैं कि
\[(a + b)^2 = (a + b) (a + b).\]
दक्षिण पक्ष को यदि आप प्रसारित करें और सरल करें, तो आपका उत्तर $(a + b)^2 = a^2 + 2ab + b^2$ होगा. आप अपने परिकलन के प्रत्येक चरण को स्पष्ट रूप में लिखें और प्रत्येक चरण में यह प्रश्न अवश्य करें ऐसा करना सही है कि नहीं ? उपरोक्त तथ्य को हम निम्नलिखित प्रमेय के रूप में व्यक्त करते हैं. इसकी उपपत्ति से आप अपने परिकलन की जाँच कर यह पता लगा सकते हैं कि आपने सही - सही परिकलन किया है नहीं. आप उपपत्ति तभी देखें (उपपत्ति पर क्लिक करें), जब आप स्वयं प्रयास कर चुके हों.
प्रमेय 1. \begin{equation}\label{square-formula}(a + b)^2 = a^2 + 2ab + b^2. \end{equation}
इस प्रमेय की उपपत्ति देने से पहले आइये हम इसका प्रयोग $(107)^2$ ज्ञात करने में करें:
\[(107)^2 = (100 + 7)^2 = (100)^2 + 2\cdot 100 \cdot 7 + 7^2 = 10000 + 1400 + 49 = 11449.\]
इस प्रकार हम देखते हैं कि सूत्र के प्रयोग से हमें सीधे परिकलन में आए कुछ चरणों से छुटकारा मिल जाता है. इस सूत्र का गणित में बहुत ही ज्यादा प्रयोग होता है. कई बार हमें कुछ व्यंजकों को सरल करने में इस सूत्र का प्रयोग करना पड़ता है. अतः इस सूत्र का अनुप्रयोग केवल संख्यात्मक अभिकलन तक ही सीमित नहीं है. आइये हम इस प्रमेय की उपपत्ति दें.
उपरोक्त उपपत्ति में हमने चरणशः परिकलन किये हैं और प्रत्येक चरण में प्रयुक्त नियमों का भी उल्लेख किया है.
आइये हम $(107)^3$ के अभिकलन पर चर्चा करें. हम $(107)^3 = (100 + 7)^3$ लिख सकते हैं. इस स्थिति में हमें दो संख्याओं $a$ और $b$ के घन $(a + b)^3$ का सूत्र प्राप्त करना होगा. आप $(a + b)^3$ को $(a + b)(a+b)(a+b)$ लिखकर और सभी व्यंजकों को गुणा कर निम्नलिखित सूत्र प्राप्त कर सक्तेव हैं:
\begin{equation}\label{cube-formula}
(a + b)^3 = a^3 + 3a^2b + 3ab^2 + b^3.
\end{equation}
इस सूत्र का प्रयोग करके आप आसानी से $(107)^3$ का मान ज्ञात कर सकते हैं:
\begin{aligned}
(107)^3 &= (100 + 7)^3\\
&= (100)^3 + 3\cdot(100)^2\cdot 7 + 3\cdot 100 \cdot 7^2 + 7^3\\
&= 1000000 + 210000 + 14700 + 343\\
&= 1225043.
\end{aligned}
इसी प्रकार आप $(a + b)^4$ का सूत्र खोज सकते हैं. अधिक व्यापक रूप में आप किसी ॠणेतर $n$ के लिए $(a + b)^n$ का सूत्र निकाल सकते हैं. परन्तु ज्यों - ज्यों $n$ का मान बढ़ता जाता है, यह प्रक्रिया जटिल होती जाती है. अतः हमें $(a+b)^n$ का सूत्र $n$ के पदों में खोजना होगा. इस स्थिति में उपरोक्त विधि काम नहीं करती. हमें कोई अन्य विधि खोजनी होगी. हम ऐसी ही विधि पर विस्तार से चर्चा करेंगे. आप भी एक क्षण रूककर इस विषय पर सोचें. संभवतः आप सूत्र खोजने में सफल हो जाएँ. ध्यान दें कि यहाँ आपके पास सूत्र उपलब्ध नहीं है, जिसे आप प्रमाणित करने कि कोशिश करें.
यदि आप $(a + b)^2$ के सूत्र $(\ref{square-formula})$ को ध्यान से देखें, तो आपको पता चलेगा कि इस सूत्र के दायें पक्ष का व्यंजक $a$ और $b$ के घातों के गुणनफल का योगफल है. उदाहरण के लिए प्रथम पद $a^2$ में $a$ और $b$ के घात क्रमशः $2$ और $0$ हैं, द्वितीय पद $ab$ में $a$ और $b$ के घात क्रमशः $1$ और $1$ हैं, और तृतीय पद $b^2$ में $a$ और $b$ के घात क्रमशः $2$ और $0$ हैं. आप यह भी देख सकते हैं कि प्रत्येक पद में $a$ और $b$ के घातों का योगफल $2$ हैं. अर्थात सूत्र $(\ref{square-formula})$ का दायाँ पक्ष $a^rb^s$ जैसे पदों का रैखिक संयोजन है, जहाँ $r + s = 2$ और $0 \leq r, s \leq 2$. इसी प्रकार $(a + b)^3$ के सूत्र $(\ref{cube-formula})$ का भी दायाँ पक्ष $a^rb^s$ जैसे पदों का योगफल हैं, जहाँ $r + s = 3$ और $0 \leq r, s \leq 3$. अब क्या आप अनुमान कर सकते हैं कि $(a + b)^n$ के सूत्र में किस प्रकार के पद होंगे ? अवश्य ही ये पद $a^rb^s$ जैसे होंगे, जहाँ $r + s = n$ और $0 \leq r, s \leq n$. क्योंकि $r + s = n$ है, इसलिए $s = n-r$ और तब हम कह सकते हैं कि ये पद $a^rb^{n-r}$ के रूप के होंगे, जहाँ $0 \leq r \leq n$. इस तथ्य को हम इस प्रकार समझ सकते हैं. $(a + b)^n$ को निम्नलिखित रूप में लिखें:
\[\underbrace{(a+b)\cdots (a+b)}_{n \text{बार}}.\]
इन पदों को हम कैसे गुणा करते हैं ? हम प्रत्येक पद में से एक - एक संकेत $a$ या $b$ का चयन करते हैं और उन्हें आपस में गुणा करते हैं. ऐसे प्रत्येक चयन में या तो केवल $a$ होते हैं या केवल $b$ होते हैं या दोनों ही होते हैं, परन्तु उनकी कुल संख्या $n$ होती हैं. अतः यदि किसी चयन में $a$ की संख्या $r$ हों, तो उस चयन में $b$ की संख्या अवश्य ही $n-r$ होनी चाहिए. अतः इस चयन के संगत पद $a^rb^{n-r}$ होगा. परन्तु एक ही प्रकार के पद, मान लीजिए $a^rb^{n-r}$, जहाँ $r$ नियत है, एक या अधिक चयनों से प्राप्त हो सकते हैं. मान लीजिए कुल $c_r$ चयनों से हमें उपरोक्त पद $a^rb^{n-r}$ प्राप्त होता है. तब सूत्र में आने वाले पदों में इस पद की पुनरावृत्ति $c_r$ बार होगी, जिसे योग करने पर हमें पद $c_ra^rb^{n-r}$ प्राप्त होगा. अतः $(a+b)^n$ का सूत्र निम्न प्रकार का होगा:
\begin{equation}\label{e1-dwipad}
(a+b)^n = c_na^n + c_{n-1}a^{n-1}b + c_{n-2}a^{n-2}b^2 + \cdots + c_ra^rb^{n-r} + \cdots + c_2a^2b^{n-2}
+ c_1ab^{n-1} + c_0b^n.
\end{equation}
इस प्रकार हमारा कार्य पद $a^rb^{n-r}$ के गुणांक (coefficient) $c_r$ का मान निकालना शेष रह जाता है. स्पष्ट है कि $c_r$ का मान $n$ और $r$ पर निर्भर करेगा. संचय - सिद्धांत (theory of combination) का प्रयोग करके हम इस गुणांक का मान आसानी से ज्ञात कर सकते हैं. इसे सपष्ट करने के लिए आइए सबसे पहले हम एक विशेष स्थिति सूत्र $(\ref{square-formula})$ को इस विधि से स्थापित करें. संबध $(\ref{e1-dwipad})$ के अनुसार,
\begin{equation}\label{e1-square}
(a+b)^2 = c_2a^2 + c_1ab + c_0b^2.
\end{equation}
आइए हम सर्वप्रथम $a^2$ के गुणांक $c_2$ का मान ज्ञात करें. इसके लिए हम $(a+b)^2$ को निम्न प्रकार लिखते हैं:
\begin{equation}\label{e2-square}
(a+b)^2 = (a+b)(a+b).
\end{equation}
$c_2$ का मान ज्ञात करने के लिए दो $a$ का चयन करना होगा. ऐसा हम कितने तरीके से कर सकते हैं ? ध्यान रखें कि व्यंजक $(\ref{e2-square})$ के दायें पक्ष $(a+b)(a+b)$ में प्रत्येक गुणनखंड से केवल एक संकेत का चयन किया जा सकता है. अतः हम पहले और दूसरे गुणनखंडों में प्रत्येक से एक -एक $a$ का चयन कर सकते हैं, जिससे हमें पद $a^2$ प्राप्त होता है. ऐसा केवल एक ही विधि से किया जा सकता है. अतः $c_2 =1$. इसी प्रकार आप $c_0 = 1$ प्राप्त कर सकते हैं. आइये अब हम $ab$ का गुणांक $c_1$ का मान प्राप्त करें. ध्यान दें कि पद $ab$ दो प्रकार से प्राप्त किया जा सकता है : हम पहले गुणनखंड $(a+b)$ से $a$ और दुसरे गुणनखंड $(a+b)$ से $b$ का चयन कर $ab$ प्राप्त कर सकते हैं या पहले गुणनखंड $(a+b)$ से $b$ और दुसरे गुणनखंड $(a+b)$ से $a$ का चयन कर $ab$ प्राप्त कर सकते हैं. इस प्रकार $c_1 = 2$. इस प्रकार हमें निम्नलिखित सूत्र प्राप्त होता है:
\[(a + b)^2 = a^2 + 2ab + b^2.\]
आइये हम इन गुणांकों को एक अन्य विधि से प्राप्त करें. $(a+b)^2$ के किसी पद $a^rb^{2-r}$ को हम निम्न प्रकार प्राप्त कर सकते हैं. मान लीजिए हमारे पास दो कोष्ठक हैं और हमारे पास दो प्रकार की वस्तुएँ $a$ और $b$ हैं. प्रत्येक कोष्ठक में हम अधिक से अधिक दो वस्तुएँ रखना चाहते हैं जिससे कि रखे गए कुल वस्तुओं में $r$ वस्तुएँ $a$ हों और $2 -r$ वस्तुएँ $b$ हों. ऐसा हम कितने तरीके से कर सकते हैं ? हम दो कोष्ठकों में से $r$ कोष्ठकों का चयन करके उसमें $a$ रख सकते हैं. ऐसा हम $\binom{2}{r}$ तरीके से कर सकते हैं, जहाँ
\begin{equation}\label{binomial}
\binom{n}{r} = \frac{n!}{r!(n-r)!}.
\end{equation}
ध्यान दें कि एक बार हम $r$ वस्तुएँ $a$ को रखने के लिए $r$ कोष्ठकों का चयन कर लेते हैं, हम शेष $2 - r$वस्तुएँ रखने के लिए $2-r$ वस्तुएँ का चयन केवल $1$ तरीके से कर सकते हैं, क्योंकि हमारे पास शेष केवल $2-r$ कोष्ठक ही हैं. इस प्रकार कुल तरीकों की संख्या $ c_r = \binom{2}{r} \times 1 = \binom{2}{r}$ ही होगी. उदाहरण के लिए $c_2 = \binom{2}{2} = 1$, $c_1 = \binom{2}{1} = 2$ और $c_0 = \binom{2}{0} = 1$. क्या अब आप $(\ref{cube-formula})$ में दिया गया सूत्र व्युत्पन्न कर सकते हैं. प्रयास कीजिये. यदि आप सफल हो गए हों, तो आप $(a+b)^n$ का व्यापक सूत्र व्युत्पन्न करने की कोशिश कर सकते हैं.
आइये अब हम $(a+b)^n$ का व्यापक सूत्र व्युत्पन्न करने के लिए, संबंध $(\ref{e1-dwipad})$ में गुणांक $c_r$ का सूत्र खोजें, जहाँ $0 \leq r \leq n$. यहाँ $n$ और $r$ को तत्क्षण नियत मान लें. तब यह समस्या निम्नलिखित समस्या के तुल्य है. मान लीजिए हमारे पास $n$ कोष्ठक हैं और हमारे पास दो प्रकार की वस्तुएँ $a$ और $b$ हैं. हम इन कोष्ठकों में से $r$ कोष्ठकों में $a$ को रखना चाहते हैं और शेष कोष्ठकों में से $n-r$ कोष्ठकों में $b$ को रखना चाहते हैं. ऐसा हम कितने तरीके से कर सकते हैं ? तरीकों की कुल संख्या ही $c_r$ का मान होगा, क्योंकि केवल और केवल इन्हीं तरीकों से हमें पद $a^rb^{n-r}$ प्राप्त होता है. स्पष्ट है कि $n$ कोष्ठकों में से $r$ कोष्ठकों का चयन $\binom{n}{r}$ तरीके से कर सकते हैं और इन कोष्ठकों में हम $a$ रख सकते हैं. अब क्योंकि हमारे पास शेष $n-r$ कोष्ठक ही हैं, अतः इन कोष्ठकों में से $n-r$ कोष्ठकों का चयन केवल $1$ ही तरीके से किया जा सकता है, जिनमें हम $b$ को रख सकते हैं. अतः उपरोक्त कार्य सम्पादित करने के कुल तरीकों की संख्या $\binom{n}{r} \times 1 = \binom{n}{r}$ होती है. इस प्रकार हमें $c_r = \binom{n}{r}$ प्राप्त होता है. अतः $(\ref{e1-dwipad})$ से हमें निम्नलिखित सूत्र प्राप्त होता है:
\begin{multline}\label{e2-dwipad}
(a+b)^n = \binom{n}{n}a^n + \binom{n}{n-1}a^{n-1}b + \binom{n}{n-2}a^{n-2}b^2 + \cdots + \binom{n}{r}a^rb^{n-r} + \cdots\\
+ \binom{n}{2}a^2b^{n-2}
+ \binom{n}{1}ab^{n-1} + \binom{n}{0}b^n.
\end{multline}संक्षिप्त रूप में उपरोक्त सूत्र को हम निम्नलिखित प्रमेय में व्यक्त करते हैं:
प्रमेय 2 (द्विपद प्रमेय). यदि $a$ और $b$ दो वास्तविक संख्याएँ हों और $n$ एक धनात्मक पूर्णांक हों, तो
\begin{equation}\label{e3-dwipad}
(a+b)^n = \sum_{r =0}^{n}\binom{n}{r}a^rb^{n-r},
\end{equation}
जहाँ $\binom{n}{r}$ व्यंजक $(\ref{binomial})$ द्वारा परिभाषित है.
उपरोक्त प्रमेय तब भी सही होता है यदि $a$ और $b$ किसी क्रमविनिमेय वलय (commutative ring) के अवयव हों. उदाहरण के लिए उपरोक्त प्रमेय सम्मिश्र संख्याओं (complex numbers) $a$ और $b$ के लिए भी सत्य होता है.
इस आलेख की गुणवत्ता में सुधार हेतु और इसकी उपयोगिता बढ़ाने के लिए आपके सुझाव व टिप्पणियाँ आमंत्रित हैं. कृपया यहाँ टिपण्णी करें या ganitanjalii@gmail.com पर ई-मेल करें.
अब मान लीजिए हमें $(107)^2$ का परिकलन करना है. इसे हम कई तरीके से कर सकते हैं:
\begin{equation}\label{e1}
(107)^2 = 107 \times 107 = 11449.
\end{equation}
\begin{equation}\label{e2}
(107)^2 = 107 \times 107 = 107 \times (100 + 7) = 107 \times 100 + 107 \times 7 = 10700 + 963 = 11449.
\end{equation}
\begin{align}
(107)^2 = (100 + 7)^2 &= (100 + 7)\times (100 + 7) \notag\\
&= 100 \times 100 + 100 \times 7 + 7 \times 100 + 7 \times 7 \notag\\
&= 10000 + 700 + 700 + 49 = 11449. \label{e3}
\end{align}
पहली विधि $(\ref{e1})$ में हमने सीधे ही $(107)^2$ का परिकलन किया है,जबकि दूसरी विधि $(\ref{e2})$ में हमने दूसरे गुणनखंड $107$ को $100 + 7$ में विखंडित कर बंटन नियम का उपयोग किया है. तीसरी विधि $(\ref{e3})$ में भी हमने बंटन नियम का ही उपयोग किया है, परन्तु यहाँ दोनों ही गुणनखंडों को विखंडित किया है. क्या आप बता सकते हैं कि ऐसा करने से क्या लाभ होता है ? ऐसा करने से हमें छोटी - छोटी संख्याओं को आपस में गुणा करना पड़ा, जो गुणन - प्रक्रिया को आसान बना देता है. जैसे कि $100 \times 100$ का गुणनफल इन्हें देखकर ही लिखा जा सकता है: हम $1$ पर चार शून्य लिखते हैं. विधि $(\ref{e3})$ में हम देख सकते हैं कि हमें बार - बार संख्याओं को गुणा कर फिर उन सबका योगफल निकालना पड़ता है. अतः यह प्रक्रिया भी थोड़ी उबाऊ लगती है. ध्यान दीजिये कि $(\ref{e3})$ में हमने $(107)^2$ को दो संख्याओं के योगफल के वर्ग के रूप में, अर्थात $(100 + 7)^2$ लिखा है. अत्यधिक व्यापक रूप में हम दो संख्याओं $a$ और $b$ के योगफल के वर्ग $(a + b)^2$ पर विचार कर सकते हैं. यदि इस व्यंजक का मान $a$ और $b$ के पदों में लिखा जा सके, तो हमारा परिकलन आसान हो जाएगा. दूसरे शब्दों में हम व्यंजक $(a + b)^2$ के परिकलन के लिए कोई सूत्र खोजना चाहते हैं. क्या आप कोई सूत्र दे सकते हैं ? यहाँ ठहरिये और इसपर विचार कीजिये. शायद आप सफल हो जाएँ ! यदि नहीं तो आगे हम आपका पुनः मार्गदर्शन करते हैं. आप जानते हैं कि
\[(a + b)^2 = (a + b) (a + b).\]
दक्षिण पक्ष को यदि आप प्रसारित करें और सरल करें, तो आपका उत्तर $(a + b)^2 = a^2 + 2ab + b^2$ होगा. आप अपने परिकलन के प्रत्येक चरण को स्पष्ट रूप में लिखें और प्रत्येक चरण में यह प्रश्न अवश्य करें ऐसा करना सही है कि नहीं ? उपरोक्त तथ्य को हम निम्नलिखित प्रमेय के रूप में व्यक्त करते हैं. इसकी उपपत्ति से आप अपने परिकलन की जाँच कर यह पता लगा सकते हैं कि आपने सही - सही परिकलन किया है नहीं. आप उपपत्ति तभी देखें (उपपत्ति पर क्लिक करें), जब आप स्वयं प्रयास कर चुके हों.
प्रमेय 1. \begin{equation}\label{square-formula}(a + b)^2 = a^2 + 2ab + b^2. \end{equation}
इस प्रमेय की उपपत्ति देने से पहले आइये हम इसका प्रयोग $(107)^2$ ज्ञात करने में करें:
\[(107)^2 = (100 + 7)^2 = (100)^2 + 2\cdot 100 \cdot 7 + 7^2 = 10000 + 1400 + 49 = 11449.\]
इस प्रकार हम देखते हैं कि सूत्र के प्रयोग से हमें सीधे परिकलन में आए कुछ चरणों से छुटकारा मिल जाता है. इस सूत्र का गणित में बहुत ही ज्यादा प्रयोग होता है. कई बार हमें कुछ व्यंजकों को सरल करने में इस सूत्र का प्रयोग करना पड़ता है. अतः इस सूत्र का अनुप्रयोग केवल संख्यात्मक अभिकलन तक ही सीमित नहीं है. आइये हम इस प्रमेय की उपपत्ति दें.
उपपत्ति:
\begin{aligned}
(a+b)^2 &= (a+b)(a+b) && (\text{परिभाषा से})\\
&= a(a+b) + b(a+b) && (\text{बंटन नियम का प्रयोग करने पर})\\
&= (a^2 + ab) + (ba + b^2) && (\text{बंटन नियम का प्रयोग करने पर})\\
&= a^2 + \{ab + (ba + b^2)\} && (\text{साहचर्य नियम का प्रयोग करने पर})\\
&= a^2 + \{(ab + ba) + b^2\} && (\text{साहचर्य नियम का प्रयोग करने पर})\\
&= a^2 + \{(ab + ab) + b^2\} && (\text{क्रमविनिमेय नियम का प्रयोग करने पर})\\
&= a^2 + (2ab + b^2)\\
&= a^2 + 2ab + b^2. && (\text{दो से अधिक संख्याओं के योग की परिभाषा से})
\end{aligned}
(a+b)^2 &= (a+b)(a+b) && (\text{परिभाषा से})\\
&= a(a+b) + b(a+b) && (\text{बंटन नियम का प्रयोग करने पर})\\
&= (a^2 + ab) + (ba + b^2) && (\text{बंटन नियम का प्रयोग करने पर})\\
&= a^2 + \{ab + (ba + b^2)\} && (\text{साहचर्य नियम का प्रयोग करने पर})\\
&= a^2 + \{(ab + ba) + b^2\} && (\text{साहचर्य नियम का प्रयोग करने पर})\\
&= a^2 + \{(ab + ab) + b^2\} && (\text{क्रमविनिमेय नियम का प्रयोग करने पर})\\
&= a^2 + (2ab + b^2)\\
&= a^2 + 2ab + b^2. && (\text{दो से अधिक संख्याओं के योग की परिभाषा से})
\end{aligned}
उपरोक्त उपपत्ति में हमने चरणशः परिकलन किये हैं और प्रत्येक चरण में प्रयुक्त नियमों का भी उल्लेख किया है.
आइये हम $(107)^3$ के अभिकलन पर चर्चा करें. हम $(107)^3 = (100 + 7)^3$ लिख सकते हैं. इस स्थिति में हमें दो संख्याओं $a$ और $b$ के घन $(a + b)^3$ का सूत्र प्राप्त करना होगा. आप $(a + b)^3$ को $(a + b)(a+b)(a+b)$ लिखकर और सभी व्यंजकों को गुणा कर निम्नलिखित सूत्र प्राप्त कर सक्तेव हैं:
\begin{equation}\label{cube-formula}
(a + b)^3 = a^3 + 3a^2b + 3ab^2 + b^3.
\end{equation}
इस सूत्र का प्रयोग करके आप आसानी से $(107)^3$ का मान ज्ञात कर सकते हैं:
\begin{aligned}
(107)^3 &= (100 + 7)^3\\
&= (100)^3 + 3\cdot(100)^2\cdot 7 + 3\cdot 100 \cdot 7^2 + 7^3\\
&= 1000000 + 210000 + 14700 + 343\\
&= 1225043.
\end{aligned}
इसी प्रकार आप $(a + b)^4$ का सूत्र खोज सकते हैं. अधिक व्यापक रूप में आप किसी ॠणेतर $n$ के लिए $(a + b)^n$ का सूत्र निकाल सकते हैं. परन्तु ज्यों - ज्यों $n$ का मान बढ़ता जाता है, यह प्रक्रिया जटिल होती जाती है. अतः हमें $(a+b)^n$ का सूत्र $n$ के पदों में खोजना होगा. इस स्थिति में उपरोक्त विधि काम नहीं करती. हमें कोई अन्य विधि खोजनी होगी. हम ऐसी ही विधि पर विस्तार से चर्चा करेंगे. आप भी एक क्षण रूककर इस विषय पर सोचें. संभवतः आप सूत्र खोजने में सफल हो जाएँ. ध्यान दें कि यहाँ आपके पास सूत्र उपलब्ध नहीं है, जिसे आप प्रमाणित करने कि कोशिश करें.
यदि आप $(a + b)^2$ के सूत्र $(\ref{square-formula})$ को ध्यान से देखें, तो आपको पता चलेगा कि इस सूत्र के दायें पक्ष का व्यंजक $a$ और $b$ के घातों के गुणनफल का योगफल है. उदाहरण के लिए प्रथम पद $a^2$ में $a$ और $b$ के घात क्रमशः $2$ और $0$ हैं, द्वितीय पद $ab$ में $a$ और $b$ के घात क्रमशः $1$ और $1$ हैं, और तृतीय पद $b^2$ में $a$ और $b$ के घात क्रमशः $2$ और $0$ हैं. आप यह भी देख सकते हैं कि प्रत्येक पद में $a$ और $b$ के घातों का योगफल $2$ हैं. अर्थात सूत्र $(\ref{square-formula})$ का दायाँ पक्ष $a^rb^s$ जैसे पदों का रैखिक संयोजन है, जहाँ $r + s = 2$ और $0 \leq r, s \leq 2$. इसी प्रकार $(a + b)^3$ के सूत्र $(\ref{cube-formula})$ का भी दायाँ पक्ष $a^rb^s$ जैसे पदों का योगफल हैं, जहाँ $r + s = 3$ और $0 \leq r, s \leq 3$. अब क्या आप अनुमान कर सकते हैं कि $(a + b)^n$ के सूत्र में किस प्रकार के पद होंगे ? अवश्य ही ये पद $a^rb^s$ जैसे होंगे, जहाँ $r + s = n$ और $0 \leq r, s \leq n$. क्योंकि $r + s = n$ है, इसलिए $s = n-r$ और तब हम कह सकते हैं कि ये पद $a^rb^{n-r}$ के रूप के होंगे, जहाँ $0 \leq r \leq n$. इस तथ्य को हम इस प्रकार समझ सकते हैं. $(a + b)^n$ को निम्नलिखित रूप में लिखें:
\[\underbrace{(a+b)\cdots (a+b)}_{n \text{बार}}.\]
इन पदों को हम कैसे गुणा करते हैं ? हम प्रत्येक पद में से एक - एक संकेत $a$ या $b$ का चयन करते हैं और उन्हें आपस में गुणा करते हैं. ऐसे प्रत्येक चयन में या तो केवल $a$ होते हैं या केवल $b$ होते हैं या दोनों ही होते हैं, परन्तु उनकी कुल संख्या $n$ होती हैं. अतः यदि किसी चयन में $a$ की संख्या $r$ हों, तो उस चयन में $b$ की संख्या अवश्य ही $n-r$ होनी चाहिए. अतः इस चयन के संगत पद $a^rb^{n-r}$ होगा. परन्तु एक ही प्रकार के पद, मान लीजिए $a^rb^{n-r}$, जहाँ $r$ नियत है, एक या अधिक चयनों से प्राप्त हो सकते हैं. मान लीजिए कुल $c_r$ चयनों से हमें उपरोक्त पद $a^rb^{n-r}$ प्राप्त होता है. तब सूत्र में आने वाले पदों में इस पद की पुनरावृत्ति $c_r$ बार होगी, जिसे योग करने पर हमें पद $c_ra^rb^{n-r}$ प्राप्त होगा. अतः $(a+b)^n$ का सूत्र निम्न प्रकार का होगा:
\begin{equation}\label{e1-dwipad}
(a+b)^n = c_na^n + c_{n-1}a^{n-1}b + c_{n-2}a^{n-2}b^2 + \cdots + c_ra^rb^{n-r} + \cdots + c_2a^2b^{n-2}
+ c_1ab^{n-1} + c_0b^n.
\end{equation}
इस प्रकार हमारा कार्य पद $a^rb^{n-r}$ के गुणांक (coefficient) $c_r$ का मान निकालना शेष रह जाता है. स्पष्ट है कि $c_r$ का मान $n$ और $r$ पर निर्भर करेगा. संचय - सिद्धांत (theory of combination) का प्रयोग करके हम इस गुणांक का मान आसानी से ज्ञात कर सकते हैं. इसे सपष्ट करने के लिए आइए सबसे पहले हम एक विशेष स्थिति सूत्र $(\ref{square-formula})$ को इस विधि से स्थापित करें. संबध $(\ref{e1-dwipad})$ के अनुसार,
\begin{equation}\label{e1-square}
(a+b)^2 = c_2a^2 + c_1ab + c_0b^2.
\end{equation}
आइए हम सर्वप्रथम $a^2$ के गुणांक $c_2$ का मान ज्ञात करें. इसके लिए हम $(a+b)^2$ को निम्न प्रकार लिखते हैं:
\begin{equation}\label{e2-square}
(a+b)^2 = (a+b)(a+b).
\end{equation}
$c_2$ का मान ज्ञात करने के लिए दो $a$ का चयन करना होगा. ऐसा हम कितने तरीके से कर सकते हैं ? ध्यान रखें कि व्यंजक $(\ref{e2-square})$ के दायें पक्ष $(a+b)(a+b)$ में प्रत्येक गुणनखंड से केवल एक संकेत का चयन किया जा सकता है. अतः हम पहले और दूसरे गुणनखंडों में प्रत्येक से एक -एक $a$ का चयन कर सकते हैं, जिससे हमें पद $a^2$ प्राप्त होता है. ऐसा केवल एक ही विधि से किया जा सकता है. अतः $c_2 =1$. इसी प्रकार आप $c_0 = 1$ प्राप्त कर सकते हैं. आइये अब हम $ab$ का गुणांक $c_1$ का मान प्राप्त करें. ध्यान दें कि पद $ab$ दो प्रकार से प्राप्त किया जा सकता है : हम पहले गुणनखंड $(a+b)$ से $a$ और दुसरे गुणनखंड $(a+b)$ से $b$ का चयन कर $ab$ प्राप्त कर सकते हैं या पहले गुणनखंड $(a+b)$ से $b$ और दुसरे गुणनखंड $(a+b)$ से $a$ का चयन कर $ab$ प्राप्त कर सकते हैं. इस प्रकार $c_1 = 2$. इस प्रकार हमें निम्नलिखित सूत्र प्राप्त होता है:
\[(a + b)^2 = a^2 + 2ab + b^2.\]
आइये हम इन गुणांकों को एक अन्य विधि से प्राप्त करें. $(a+b)^2$ के किसी पद $a^rb^{2-r}$ को हम निम्न प्रकार प्राप्त कर सकते हैं. मान लीजिए हमारे पास दो कोष्ठक हैं और हमारे पास दो प्रकार की वस्तुएँ $a$ और $b$ हैं. प्रत्येक कोष्ठक में हम अधिक से अधिक दो वस्तुएँ रखना चाहते हैं जिससे कि रखे गए कुल वस्तुओं में $r$ वस्तुएँ $a$ हों और $2 -r$ वस्तुएँ $b$ हों. ऐसा हम कितने तरीके से कर सकते हैं ? हम दो कोष्ठकों में से $r$ कोष्ठकों का चयन करके उसमें $a$ रख सकते हैं. ऐसा हम $\binom{2}{r}$ तरीके से कर सकते हैं, जहाँ
\begin{equation}\label{binomial}
\binom{n}{r} = \frac{n!}{r!(n-r)!}.
\end{equation}
ध्यान दें कि एक बार हम $r$ वस्तुएँ $a$ को रखने के लिए $r$ कोष्ठकों का चयन कर लेते हैं, हम शेष $2 - r$वस्तुएँ रखने के लिए $2-r$ वस्तुएँ का चयन केवल $1$ तरीके से कर सकते हैं, क्योंकि हमारे पास शेष केवल $2-r$ कोष्ठक ही हैं. इस प्रकार कुल तरीकों की संख्या $ c_r = \binom{2}{r} \times 1 = \binom{2}{r}$ ही होगी. उदाहरण के लिए $c_2 = \binom{2}{2} = 1$, $c_1 = \binom{2}{1} = 2$ और $c_0 = \binom{2}{0} = 1$. क्या अब आप $(\ref{cube-formula})$ में दिया गया सूत्र व्युत्पन्न कर सकते हैं. प्रयास कीजिये. यदि आप सफल हो गए हों, तो आप $(a+b)^n$ का व्यापक सूत्र व्युत्पन्न करने की कोशिश कर सकते हैं.
आइये अब हम $(a+b)^n$ का व्यापक सूत्र व्युत्पन्न करने के लिए, संबंध $(\ref{e1-dwipad})$ में गुणांक $c_r$ का सूत्र खोजें, जहाँ $0 \leq r \leq n$. यहाँ $n$ और $r$ को तत्क्षण नियत मान लें. तब यह समस्या निम्नलिखित समस्या के तुल्य है. मान लीजिए हमारे पास $n$ कोष्ठक हैं और हमारे पास दो प्रकार की वस्तुएँ $a$ और $b$ हैं. हम इन कोष्ठकों में से $r$ कोष्ठकों में $a$ को रखना चाहते हैं और शेष कोष्ठकों में से $n-r$ कोष्ठकों में $b$ को रखना चाहते हैं. ऐसा हम कितने तरीके से कर सकते हैं ? तरीकों की कुल संख्या ही $c_r$ का मान होगा, क्योंकि केवल और केवल इन्हीं तरीकों से हमें पद $a^rb^{n-r}$ प्राप्त होता है. स्पष्ट है कि $n$ कोष्ठकों में से $r$ कोष्ठकों का चयन $\binom{n}{r}$ तरीके से कर सकते हैं और इन कोष्ठकों में हम $a$ रख सकते हैं. अब क्योंकि हमारे पास शेष $n-r$ कोष्ठक ही हैं, अतः इन कोष्ठकों में से $n-r$ कोष्ठकों का चयन केवल $1$ ही तरीके से किया जा सकता है, जिनमें हम $b$ को रख सकते हैं. अतः उपरोक्त कार्य सम्पादित करने के कुल तरीकों की संख्या $\binom{n}{r} \times 1 = \binom{n}{r}$ होती है. इस प्रकार हमें $c_r = \binom{n}{r}$ प्राप्त होता है. अतः $(\ref{e1-dwipad})$ से हमें निम्नलिखित सूत्र प्राप्त होता है:
\begin{multline}\label{e2-dwipad}
(a+b)^n = \binom{n}{n}a^n + \binom{n}{n-1}a^{n-1}b + \binom{n}{n-2}a^{n-2}b^2 + \cdots + \binom{n}{r}a^rb^{n-r} + \cdots\\
+ \binom{n}{2}a^2b^{n-2}
+ \binom{n}{1}ab^{n-1} + \binom{n}{0}b^n.
\end{multline}संक्षिप्त रूप में उपरोक्त सूत्र को हम निम्नलिखित प्रमेय में व्यक्त करते हैं:
प्रमेय 2 (द्विपद प्रमेय). यदि $a$ और $b$ दो वास्तविक संख्याएँ हों और $n$ एक धनात्मक पूर्णांक हों, तो
\begin{equation}\label{e3-dwipad}
(a+b)^n = \sum_{r =0}^{n}\binom{n}{r}a^rb^{n-r},
\end{equation}
जहाँ $\binom{n}{r}$ व्यंजक $(\ref{binomial})$ द्वारा परिभाषित है.
उपरोक्त प्रमेय तब भी सही होता है यदि $a$ और $b$ किसी क्रमविनिमेय वलय (commutative ring) के अवयव हों. उदाहरण के लिए उपरोक्त प्रमेय सम्मिश्र संख्याओं (complex numbers) $a$ और $b$ के लिए भी सत्य होता है.
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दूसरी कड़ी : अभाज्य संख्याओं की अनंतता >>
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