गिज़ेप पियानो (इतालवी [dʒuzɛppe Peano], 27 अगस्त, 1858 - 20 अप्रैल 1932) एक इतालवी गणितज्ञ थे | उन्होंने दो सौ से अधिक
पुस्तकों और पत्रों की रचना की | उन्होंने गणितीय तर्क
शास्त्र की आधारशिला रखी | इन विषयों में प्रयुक्त
अधिकतर संकेतों का श्रेय उन्हीं को प्राप्त है | उन्होंने ही प्राकृत
संख्या निकाय की अभिगृहितीय संकल्पना प्रस्तुत की थी और इसीलिये उनके सम्मान में
इन अभिगृहितों को पियानो अभिगृहीत के नाम से जाना जाता है | इस कार्य के ही फलस्वरूप
उन्होंने गणितीय आगमन सिद्धांत की परिशुद्ध व सुव्यवस्थित संकल्पना विकिसित की | आधुनिक गणित में उनका यह
योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है | उन्होंने अपना अधिकांश
जीवन ट्यूरिन विश्वविद्यालय में गणित अध्यापन में समर्पित किया |
पियानो अभिगृहीत :
1. शून्य (0) एक प्राकृत संख्या है |
2. प्रत्येक प्राकृत संख्या
की अनवुर्ती संख्या प्राकृत संख्या होती है।
3. भिन्न-भिन्न प्राकृत संख्याओं की अनुवर्ती संख्याएँ भी अलग-अलग होंगी।
4. शून्य (0) किसी भी प्राकृत संख्या की अनुवर्ती नहीं है |
5. यदि K कोई ऐसा समुच्चय है जो निम्न प्रतिबंधों को संतुष्ट करता है: (i) 0 समुच्चय K का सदस्य है, (ii) प्रत्येक प्राकृतिक संख्या n के लिए, यदि n समुच्चय K का सदस्य है, तो उसकी अनुवर्ती संख्या भी K का सदस्य है. उपरोक्त प्रतिबंधों के संतुष्ट होने पर सभी प्राकृतिक संख्याएँ K की सदस्य होंगी। इसे 'आगमन अभिगृहीत' कहा जाता है।
5. यदि K कोई ऐसा समुच्चय है जो निम्न प्रतिबंधों को संतुष्ट करता है: (i) 0 समुच्चय K का सदस्य है, (ii) प्रत्येक प्राकृतिक संख्या n के लिए, यदि n समुच्चय K का सदस्य है, तो उसकी अनुवर्ती संख्या भी K का सदस्य है. उपरोक्त प्रतिबंधों के संतुष्ट होने पर सभी प्राकृतिक संख्याएँ K की सदस्य होंगी। इसे 'आगमन अभिगृहीत' कहा जाता है।
प्राकृत संख्याओं की आधारशिला पर विस्तृत जानकारी के लिए
निम्नलिखित लेख द्रष्टव्य हैं :
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