परिचय


गणितीय ब्लॉग "गणिताञ्जलि" पर आपका स्वागत है ! $\ast\ast\ast\ast\ast$ प्रस्तुत वेबपृष्ठ गणित के विविध विषयों पर सुरुचिपूर्ण व सुग्राह्य रचनाएँ हिंदी में सविस्तार प्रकाशित करता है.$\ast\ast\ast\ast\ast$ गणिताञ्जलि : शून्य $(0)$ से अनंत $(\infty)$ तक ! $\ast\ast\ast\ast\ast$ इस वेबपृष्ठ पर उपलब्ध लेख मौलिक व प्रामाणिक हैं.

बुधवार, 27 अगस्त 2014

गिज़ेप पियानो (गणितज्ञ)

गिज़ेप पियानो (इतालवी [dʒuzɛppe Peano], 27 अगस्त, 1858 - 20 अप्रैल 1932) एक इतालवी गणितज्ञ थे | उन्होंने दो सौ से अधिक पुस्तकों और पत्रों की रचना की | उन्होंने गणितीय तर्क शास्त्र की आधारशिला रखी | इन विषयों में प्रयुक्त अधिकतर संकेतों का श्रेय उन्हीं   को प्राप्त है | उन्होंने ही प्राकृत संख्या निकाय की अभिगृहितीय संकल्पना प्रस्तुत की थी और इसीलिये उनके सम्मान में इन अभिगृहितों को पियानो अभिगृहीत के नाम से जाना जाता है | इस कार्य के ही फलस्वरूप उन्होंने गणितीय आगमन सिद्धांत की परिशुद्ध व सुव्यवस्थित संकल्पना विकिसित की | आधुनिक गणित में उनका यह योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है | उन्होंने अपना अधिकांश जीवन ट्यूरिन विश्वविद्यालय में गणित अध्यापन में समर्पित किया |
 
पियानो अभिगृहीत :                                  
   1. शून्य (0) एक प्राकृत संख्या है |

  2. प्रत्येक प्राकृत संख्या की अनवुर्ती संख्या प्राकृत संख्या होती है।

  3. भिन्न-भिन्न प्राकृत संख्याओं की अनुवर्ती संख्याएँ भी अलग-अलग होंगी।

  4. शून्य  (0) किसी भी प्राकृत संख्या की अनुवर्ती नहीं है |

 5. यदि K कोई ऐसा समुच्चय है जो निम्न प्रतिबंधों को संतुष्ट करता है: (i) 0 समुच्चय K का सदस्य है, (ii) प्रत्येक प्राकृतिक संख्या n के लिए, यदि n समुच्चय K का सदस्य है, तो उसकी अनुवर्ती संख्या भी K का सदस्य है. उपरोक्त प्रतिबंधों के संतुष्ट होने पर सभी प्राकृतिक संख्याएँ K की सदस्य होंगी। इसे 'आगमन अभिगृहीत' कहा जाता है।

प्राकृत संख्याओं की आधारशिला पर विस्तृत जानकारी के लिए निम्नलिखित लेख द्रष्टव्य हैं :






कोई टिप्पणी नहीं :

एक टिप्पणी भेजें

शीर्ष पर जाएँ