संख्यात्मक अभिकलनों से संबंधित कुछ ऐसी समस्याएँ हैं, जिन्हें हम लघुगणक की सहायता से आसानी से हल कर सकते हैं. उदाहरण के लिए, किसी संख्या का वर्गमूल, घनमूल, पंचमूल,......, nवाँ मूल ज्ञात करने की समस्या; किसी संख्या का घात ज्ञात करने की समस्या, इत्यादि. इन समस्याओं को हल करने के क्रम में हम या तो लघुगणक सारणी का प्रयोग करते हैं या परिकलक (कैलकुलेटर) या संगणक (कम्प्यूटर) का. क्या कभी आपने सोचा है कि परिकलक या संगणक लघुगणक का मान कैसे ज्ञात करता है ? वह कौन सी प्रक्रिया है, जिसकी सहायता से संख्याओं के लघुगणक का मान ज्ञात कर लघुगणक सारणी के रूप में सारणीबद्ध किया गया ? यदि आप यह प्रक्रिया जान जाएँ, तो आप बिना किसी लघुगणक सारणी, परिकलक या संगणक की सहायता से किसी संख्या का लघुगणक ज्ञात कर सकते हैं. इन प्रक्रियाओं में हमें केवल योग, गुणन, व्यवकलन और विभाजन की संक्रियाओं का ही प्रयोग करना पड़ता है, जिन्हें आसानी से किया जा सकता है. प्रस्तुत लेख में हम इसी विषय पर चर्चा करेंगे.
बहुभिर्प्रलापैः किम् , त्रयलोके सचरारे। यद्किंचिद्वस्तु तत्सर्वम् , गणितेन् बिना न हि॥ हिंदी में उच्च - स्तरीय गणित - लेखन का एक उद्यम......
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मंगलवार, 20 सितंबर 2016
लघुगणक सारणी के प्रयोग के बिना अभिकलन
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